High Court : ससुर की संपत्ति में दामाद का होता हैं इतना अधिकार, हाईकोर्ट ने कर दिया साफ
NEWS HINDI TV, DELHI: ससुर की संपत्ति (father-in-law's property) में हक मानने और मांगने वाले दामादों को यह फैसला निराश कर सकता है। केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने एक मामले में साफ कहा है कि ससुर की संपत्ति (father-in-law's property) में दामाद को कोई कानूनी अधिकार नहीं है। दामाद ससुर की जायदाद या भवन में हक का दावा नहीं कर सकता।
दामाद ने ससुर की संपत्ति पर जताया हक:
हाईकोर्ट (High Court) के जस्टिस ए. अनिल कुमार ने केरल के कन्नूर के तैलीपाराम्बा निवासी डेविस राफेल की अपील खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। डेविस ने अपने ससुर हेंड्री थॉमस की संपत्ति पर हक जताया था। इससे पूर्व हेंड्री ने पयान्नुर की निचली कोर्ट में एक केस दायर किया था। हेंड्री ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह डेविस को उनकी संपत्ति में दखलंदाजी व वहां आने जाने पर स्थाई रोक लगाए और उन्हें अपनी संपत्ति व मकान का शांतिपूर्वक उपभोग करने दे।
ससुर ने कही ये बात:
हेंड्री ने दावा किया था कि उन्होंने यह संपत्ति फादर जेम्स नसरथ से और सेंटपॉल्स चर्च की ओर से तोहफे के रूप में पाई थी। इस पर उन्होंने अपने पैसों से पक्का मकान बनवाया है और वह वहां अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। उन्होंने दलील दी कि उनके दामाद का इस जायदाद पर कोई हक नहीं है।
इस पर दामाद डेविस ने दलील दी थी कि इस संपत्ति का स्वामित्व खुद ही सवालों में है, क्योंकि यह चर्च के अधिकारियों ने दान पत्र के माध्यम से परिवार के लिए दी थी। उसने हेंड्री की इकलौती बेटी से शादी की है और शादी के बाद उसे एक तरह से परिवार ने गोद लिया है। इसलिए उसका इस मकान व संपत्ति में रहने का हक है। इन तमाम दलीलों के बावजूद निचली कोर्ट ने फैसले में कहा था कि डेविस का हेंड्री की संपत्ति में कोई हक नहीं है।
हाईकोर्ट (High Court) ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि यह कहना मुश्किल है कि दामाद परिवार का एक सदस्य है। दामाद का यह कहना भी शर्मनाक है कि उसे परिवार ने हेंड्री की बेटी से शादी के बाद परिवार ने एक तरह से गोद ले लिया था।