Holi 2024 : होली पर हुआ 5000000000000 का कारोबार, लोगों ने जम कर खरीदी भारतीय चीजें
होली का त्यौहार जा चुका है और ऐसे में मार्किट में खूब रौनक लगी रही। इस बार होली पर लगभग 50 हज़ारो करोड़ का कारोबार हुआ है और लोगों ने जम कर भर में बनी हुई चीजें खरीदी जैसे पिचकारी से लेकर रंग तक, लोगों ने विदेश चीजें खास कर चीन की बनी हुई चीजों को नकारा है। आइये नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं इसके बारे में
News Hindi TV, Delhi : कल देश भर में होली का त्यौहार खूब धूमधाम से मनाया गया। गलियां, बाजार, घर-आंगन सब रंगीन है. देसी होली ने जहां कारोबारियों की झोली भर दी है तो वहीं चीन को जोर का झटका लगा है. होली पर देशभर में 50 हजार करोड़ के कारोबार होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस बार लोगों ने मेक इन इंडिया (make in india) मुहीम के तहत और वोकल फॉर लोकल (vocal for local) मुहीम के तहत सामान खरीदा और देश में बनी चीजों को प्रमोट किया। इस बाद लोगों ने चीन के बने प्रोडक्ट को नहीं खरीदा और एक तरह से उनका बहिष्कार किया। वहीं चाइनीज प्रोडक्ट की बहिष्कार से चीन की मुश्किल बढ़ गई है. चाइनीज प्रोडक्ट के बायकॉट के चलते चीन के निर्यात को झटका लगा है.
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होली पर हुआ इतना कारोबार
इस बार होली पर वोकल फॉर लोकल का दबदबा रहा. चीनी सामान पूरी तरह बाजार गायब दिखे. रंग, गुलाल, पिचकारी में चाइनीज प्रोडक्ट गायब रहे. मेड इन इंडिया प्रोडक्ट पर लोगों ने जमकर पैसा खर्च किया. देसी होली ने कारोबार को पुश किया. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक इस साल होली पर 50 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार होने का अनुमान है. पिछले साल के मुकाबले इस साल होली पर 50 फीसदी अधिक का कारोबार होने का अनुमान है. देशभर में जहां 50 हजार करोड़ का बिजनेस होने की उम्मीद है तो वहीं अकेले दिल्ली में ही 5 हज़ार करोड़ रुपये के कारोबार की संभावना है.
चीन को लगा झटका
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चीन को मेड इन इंडिया (made in india) से बड़ा झटका मिला है. पहले दिवाली और अब होली पर चीन से होने वाले आयात में गिरावट आई है. खंडेलवाल के मुताबिक होली पर लोगों और व्यापारियों ने चीनी सामान का पूर्ण बहिष्कार कर दिया है. होली से जुड़े सामानों का चीन से लगभग 10 हजार करोड़ का आयात होता था, लेकिन इस बार चीन से न के बराबर आयात किया गया. लोगों ने चीनी सामान के बजाए देश में बने हर्बल रंग- गुलाल, पिचकारी, गुब्बारे, चंदन , पूजा सामग्री का इस्तेमाल किया. लोगों ने देसी सामान बढ़चढ़ कर खरीदा. चीन को इस बहिष्कार के चलते बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है.