Petrol-Diesel Price : पेट्रोल-डिजल की कीमतों को लेकर सरकार ने किया बडा ऐलान!
NEWS TV HINDI : पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं. पिछले दिनों सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. इसके बाद कीमतों में गिरावट आई थी. इसके बावजूद भी कई शहरों में पेट्रोल के रेट 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर बने हुए हैं. अब कीमत में कमी लाने के मकसद से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा इशारा दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य यदि तैयार हो तो पेट्रोलियम प्रोडक्ट को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से सरकार की कोशिश इकोनॉमिक ग्रोथ (economic growth) को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक एक्सपेंडीचर (Public Expenditure) में इजाफा करने का रहा है.
ये भी पढ़े :Employees Salary Hike: कर्मचारियों की सैलरी में होगा बंपर इजाफा, होली से पहले मिलेगी बड़ी खुशखबरी
वित्त मंत्री ने इस बारे में ऑप्शन खुला रखा
उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के सदस्यों के साथ बजट-बाद बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, (पेट्रोलियम प्रोडक्ट 'Petroleum Product' )को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर प्रावधान पहले से है. मेरे से पहले वित्त मंत्री ने इस बारे में ऑप्शन खुला रखा है.’ आपको बता दें पांच पेट्रोलियम प्रोडक्ट क्रूड ऑयल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, नेचुरल गैस और विमान ईंधन जीएसटी से बाहर है. इन प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाने की तिथि के बारे में जीएसटी काउंसिल को विचार करना है.
ये भी पढ़े : IMD Update: फरवरी के अंत सक्रिय होगा पश्चिमी विक्षोभ, उत्तरी हवाओं से बढ़ेगी ठंड
अगली बैठक 18 फरवरी को नई दिल्ली में
उन्होंने कहा, 'राज्यों के सहमत होने के बाद, हम पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाएंगे.' आपको बता दें यदि पेट्रोलियम प्रोडक्ट को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल-डीजल के रेट में कमी आएगी. जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 18 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में होगी. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया है.
उन्होंने कहा, 'पिछले तीन-चार साल से, सार्वजनिक पूंजी व्यय पर जोर रहा है. हमने इस बजट में भी इसे जारी रखा है...यह साफतौर पर कहा जा सकता है कि इस बजट में जोर पूंजी व्यय पर है.' सीतारमण ने कहा, 'पिछले कई साल में यह पहली बार है जब पूंजीगत व्यय दहाई अंक में पहुंचा है. यह बताता है कि बजट में किसी चीज को महत्व दिया गया है.' उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड लागू करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.