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DA Central Pension: डीए को चक्कर में परेशान रिटायर आईएएस, सेंट्रल पेंशन को लगाया गले

रिटायर हुए आईएएस अधिकारी पेंशन के मामले को लेकर राज्य सरकार का साथ छोड़ते नजर आ रहे है। जिसके बाद इन अधिकारियों ने सेंट्रल पेंशन को गले लगा लिया है। आइए जानते है इसके पीछे की पूरी वजह
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DA Central Pension: डीए के चक्कर में परेशान रिटायर आईएएस, सेंट्रल पेंशन को लगाया गले

News Hindi TV: दिल्ली, हिमाचल सरकार से रिटायर हुए कई आईएएस अधिकारी पेंशन के मामले में राज्य सरकार का साथ छोड़ते जा रहे हैं। पिछले एक महीने में आधा दर्जन से ज्यादा रिटायर आईएएस अधिकारियों ने पेंशन के लिए भारत सरकार का विकल्प चुन लिया है। इसके लिए एक तो महंगाई भत्ते में सात फीसदी के अंतर को वजह बताया जा रहा है। दूसरा भविष्य में पेंशन को लेकर अनिश्चितता भी एक कारण है।

इसी महीने की अगर बात करें तो आईएएस अधिकारी रहे बीएम नांटा, बलबीर तेेगटा और उद्योग निदेशक के पद से रिटायर हुए हंसराज शर्मा ने पेंशन के लिए अब भारत सरकार का विकल्प लिया है। इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं। गौर हो कि आईएएस अधिकारियों के पास रिटायरमेंट के वक्त राज्य या केंद्र की पेंशन चुनने के लिए एक विकल्प रहता है। हिमाचल सरकार में काम कर रहे अधिकांश आईएएस अधिकारी इससे पहले राज्य सरकार का ही विकल्प चुनते थे, लेकिन यह विकल्प चुनने के बाद अब अफसर सेंट्रल ऑप्शन को अपना विकल्प बना रहे हैं। इन अधिकारियों ने एक नया फॉर्म भर कर दिया है, ताकि केंद्रीय पेंशन को ऑप्ट किया जा सके।


इसकी सबसे बड़ी वजह महंगाई भत्ता है। हिमाचल सरकार अपने कर्मचारियों को अभी 31 फीसदी डीए दे रही है, जबकि भारत सरकार ने महंगाई भत्ते को 38 फीसदी कर दिया है। जनवरी 2022 से चार फीसदी और जुलाई 2022 से तीन फीसदी महंगाई भत्ते की दो किस्तें अभी बकाया हैं। भारत सरकार अपने कर्मचारियों को तीसरी किस्त भी देने जा रही है, जिससे चार फीसदी के आसपास माना जा रहा है, लेकिन हिमाचल सरकार अब फैसला नहीं कर पाई है।

संभावना है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने पहले बजट में मार्च महीने में महंगाई भत्ते को लेकर कोई फैसला करेंगे। इतना इंतजार पेंशनरों से नहीं हो रहा है। इसलिए जिन अधिकारियों के पास भारत सरकार की पेंशन लेने का विकल्प है। वह इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। राज्य सरकार और राजकोष की स्थिति को देखते हुए भविष्य में पेंशन को लेकर भी कई तरह की आशंका है, इसलिए ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारी अब भारत सरकार की पेंशन को ही विकल्प के रूप में दे रहे हैं, ताकि आशंकाओं से दूर रहा जा सके।