Haryana में धान की फसलों के पत्ते हो रहे पीले, बीमारी की आशंका
डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, रोपाई के साथ ही धान के पौधों की वृद्धि रुकने और पत्ते पीले पड़ने की घटना से किसानों के होश उड़ गए हैं। पौध पर दवाई स्प्रे करने का भी प्रभाव नहीं पड़ रहा है। हालांकि कृषि विज्ञानी इसे सामान्य मान रहे हैं। किसानों को किसी तरह की दवाई स्प्रे करने से पहले डाक्टरी सलाह लेने कह रहे हैं। वहीं किसान रोपे गए पौध को बाहर निकाल कर दोबारा दूसरे पौध लगा रहे हैं। इससे उनका आर्थिक नुकसान हो रहा है।
Sapna Choudhary Case: सपना के खिलाफ केस में गवाही हुई पूरी, 17 अगस्त को होगी बहस, ये है पूरा मामला
राक्सेड़ा के निवर्तमान सरपंच जयप्रकाश शर्मा कहते हैं कि 1682 सहित 1509, 1718 और 1121 किस्म के पौधों में बड़े पौधों के सूखने, वृद्धि रुकने और पत्ते पीले पड़ने की शिकायतें आ रही है। कोई बीज खराब होने तो कोई बीमारी आने की बात कह रहा है। शुरूआती दौर में ही किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है।
ये भी जानिए : Tulsi ke Upay ये उपाय मां लक्ष्मी को करेगा खुश, मनोकामना होगी पूरा
उन्होंने कहा कि 1682 के पौध में सबसे अधिक दिक्कत है। पौधों के नहीं बढ़ने की दिक्कत है। पत्ते पीले पड़ जाते हैं। उन्होंने बताया कि मजबूरी में 1682 किस्म के पौधों को उजाड़ कर दूसरी किस्म के पौधे लगाने पड़े हैं।
ये खबर भी पढ़ें : Dairy Farming पर सरकार दे रही 24 लाख तक का अनुदान, ऐस उठाएं योजना का लाभ
बीमारी की डर से फिर से लगाए पौधे
एक किले की लागत बेकार चली गई है। यही दिक्कत राक्सेड़ा के सुभाष और मामू ने भी बताई है। रोपाई के साथ पौध में बीमारी आने के डर से दोबारा अपने चार-चार किले में दूसरी किस्म के पौधे लगाए हैं। किसानों का कहना है कि गांव के अधिकांश काश्तकारों के साथ यह समस्या है। किसानों को बीमारी के कारणों का पता नहीं चल रहा है। वहीं कृषि उपनिदेशक से संपर्क किया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
इसे भी देखें : Data Plan: BSNL मस्त रिचार्ज प्लान आया मार्केट में, 425 दिन चलेगा, ग्राहकों के लिए मुनाफे का सौदा
कुछ किसानों की शिकायतें मिली
कृषि विज्ञान केंद्र उझा के विज्ञानी राजबीर सिंह बताते हैं कि कुछ किसानों की शिकायतें मिली है। किसानों को बगैर डाक्टरी सलाह के दवा का फसल में स्प्रे नहीं करना चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र आकर अपनी परेशानी बताना चाहिए।