Stubble Burning: रिफाइनरी खरीदेगा किसानों की पराली, प्रदूषण से छुटकारा, किसानों को लाभ
Stubble Burning: धान की पराली जालाए जाने का मौसम आ गया है. पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई कदम उठा रही हैं. इससे पहले भी हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में कई जगहों से पराली जलाने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं. अब इस क्रम में हरियाणा के पानीपत में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) रिफाइनरी ने पराली से इथेनॉल उत्पादन करने के लिए किसानों से पराली खरीदने की घोषणा की है.
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पराली के बदले किसानों को मिलगी रकम
दरअसल, रिफाइनरी में पराली से इथेनॉल बनाने के लिए प्लांट लगाया गया है. आपको याद हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 महीने पहले इस इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया था. अब पानीपत रिफाइनरी 172 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों से पराली खरीदेगी. इसे सीधा किसानों के खेतों से ही उठाया जाएगा.
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कैसे होगी खरीदारी?
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, इसके लिए प्लांट की ओर से आसपास के जिलों में पराली कलेक्शन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां से पराली की खरीदारी की जाएगी. किसानों को रिफाइनरी को पराली देने के लिए गांठें बनवानी होंगी. करीब 900 करोड़ रुपये से तैयार यह प्लांट प्रतिदिन 100 किलोलीटर (1 किलोलीटर में 1 हजार लीटर) इथेनॉल बनाने की क्षमता रखता है.
किसानों को होगा बड़ा फायदा
इस कदम से किसानों को बड़ा फायदा होगा. अगर किसान खुद स्ट्रा बेलर से पराली की गांठ बनवाता है तो एक एकड़ पर महज जार रुपये खर्च आता है जबकि एक एकड़ धान की पराली 3,500 तक की बिक जाती है. यानी इससे किसानों को बड़ा फायदा होगा. इससे किसानों को प्रति एकड़ 1,500 रुपये की बचत होगी और साथ ही उसे पराली जलानी भी नहीं पड़ेगी. आपको बता दें कि पराली प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार भी किसान को प्रति एकड़ 1 हजार रुपये अलग से देती है.