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IMD Weather Update : 20 सालों में पहली बार कश्मीर का तापमान हुआ दिल्ली से ज्यादा, जानिए मौसम की ताजा अपडेट

Weather news : दिल्ली समेत बहुत सारे इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं। लगातार तापमान में गिरावट देखने को मिल रही हैं। और घना कोहरा छाया हुआ हैं जिसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में मौसम विभाग ने बताया की इस बार कश्मीर का तापमान दिल्ली से ज्यादा दर्ज़ किया गया और ऐसा 2 दशकों बाद हुआ है। जानिए पूरी अपडेट...
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IMD Weather Update : 20 सालों में पहली बार कश्मीर का तापमान हुआ दिल्ली से ज्यादा, जानिए मौसम की ताजा अपडेट

NEWS HINDI TV, DELHI: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर (Srinagar of Jammu and Kashmir) में शनिवार को अधिकतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह बीते 2 दशक में जनवरी महीने में सबसे अधिक तापमान है। इस तरह कश्मीर घाटी में मौसम का मिजाज काफी बदला हुआ नजर आ रहा है। जनवरी में यहां बर्फबारी में आश्चर्यजनक रूप से 100% तक की कमी आ गई है। कश्मीर के मैदानी इलाकों में बर्फबारी नहीं होने और लंबे समय तक मौसम शुष्क रहने से घाटी से तापमान बढ़ा है। यहां के कई स्टेशनों पर तापमान सामान्य से 6-8 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चला गया है।

देश के उत्तरी भागों में इन दिनों पारे का स्तर काफी गिरा हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को इस मौसम की सबसे ठंडी सुबह रही, जहां न्यूनतम तापमान गिरकर 3.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। तापमान के असामान्य मिजाज पर मौसम विभाग (weather department) की प्रतिक्रिया सामने आई है। मौसम विभाग ने कहा कि हाल के दिनों में तापमान में अचानक बदलाव आम बात है। गर्मी के मौसम में भी इस तरह के हालात देखने को मिल हैं। मौसम विशेषज्ञों ने कहा कि आने वाले दिनों में ताजा पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर असर डाल सकता है। इससे बर्फबारी होने की उम्मीद है।

हल्की बर्फबारी हुई मगर बर्फ नहीं जमी-

जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के बांदीपुरा जिले के गुरेज सेक्टर में शुक्रवार रात हल्की बर्फबारी हुई थी जिससे घाटी में लंबे समय से जारी शुष्क मौसम के दौर पर विराम लग गया। लद्दाख के द्रास में भी बहुत हल्की बर्फबारी हुई लेकिन वहां बर्फ जमा नहीं हुई। घाटी के कई हिस्सों में बादल छाए रहने के कारण न्यूनतम तापमान में वृद्धि देखी गई। रात का तापमान सामान्य से कई डिग्री अधिक रहा। कश्मीर इन दिनों चिल्ला कलां की चपेट में है, जब 40 दिनों तक भीषण ठंड रहती है। इस दौरान क्षेत्र में शीतलहर चलती है और तापमान में काफी गिरावट आती है, जिससे जलस्त्रोतों के साथ-साथ पाइपों में भी पानी जम जाता है। इस दौरान बर्फबारी की संभावना अधिक होती है और ज्यादातर इलाकों में खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में खूब बर्फबारी होती है।