Chanakya Niti: ये तीन अवगुण कर देते हैं इंसान की बुद्धि भ्रष्ट, जीवन हो जाता है बर्बाद

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) ने चाणक्य नीति में ऐसे अवगुणों का वर्णन है, जो इंसान की दिमाग को भ्रष्ट कर देते हैं। इसके साथ ही जीवन बर्बादी की राह पर चला जाता है। आइए जानते हैं कौन से हैं वो अवगुण.. 
 

(डिजिटल डेस्क) : आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) की कही हुई बातें अभी भी सार्थक हो रही हैं। चाणक्य नीति(Chanakya Niti) में लिखी हुई बातें यदि कोई अपने जीवन में अपना ले तो वह कभी धोखा नहीं खाता। आचार्य चाणक्य की नीतियां सभी को जीवन की चुनौतियों से लड़ने में मदद करती हैं। साथ ही इसमें बताए गए उपाय व चाणक्‍य मंत्र(Chanakya Mantra) लोगों का सफलता के मार्ग में पथ प्रदर्शक का काम करती हैं। कहते हैं व्यक्ति की बुद्धि उसे काबिल और नाकाबिल बनाती है। चाणक्य(Acharya Chanakya)  ने कुछ ऐसे गुणों का जिक्र किया है जो इंसान की बुद्धि भ्रष्ट कर देते हैं और जीवन बर्बादी की राह पर चला जाता है। आइए जानते हैं कौन से हैं वो अवगुण।

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अहंकार

अहंकार में व्यक्ति को पतन के रास्ते पर ले जाता है। घमंडी इंसान खुद को सर्वोपरि समझता है। जब व्यक्ति में अहंकार का भाव आ जाता है तो उसकी बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। घमंड में चूर व्यक्ति सही गलत का आंकलन नहीं कर पाता और खुद का नुकसान कर बैठता है। अभिमान व्यक्ति को समाज से अलग कर देता है क्योंकि घमंडी लोगों के साथ कोई रहना पसंद नहीं करता। चाणक्य कहते हैं कि पद, पैसा आदि का घमंड मात्र पलभर का है। जब घमंड टूटता है तो इंसान कहीं का नहीं रहता।

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लालच 

लालच व्यक्ति की बुद्धि का विकास रोक देता है। किसी चीज को पाने का मोह उसे इतना अधिक लालची बना देता है कि उसके सोचने की क्षमता क्षीर्ण हो जाती है। लालची इंसान सामने वाले का फायदा उठाने के लिए हर दम मौके की तलाश में रहता है। लोभ के जाल में फंसा व्यक्ति अच्छे बुरे की समझ नहीं कर पाता। लालच का त्याग करने में ही भलाई है वरना सफलता कभी नहीं मिलेगी।

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काम

काम-वासना में लिप्त रहने वाला व्यक्ति कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता। ये एक ऐसा अवगुण है अगर व्यक्ति पर हावी हो जाए तो उसकी बुद्धि के साथ शरीर का भी नाश हो जाता है। वासना के मोह में व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है।