7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों को जोरदार झटका, ग्रेच्युटी और पेंशन से जुड़े नियम में बदलाव

7th Pay Commission : ये खबर केंद्रीय कर्मचारियों के लिए है। केंद्रीय सरकार ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों को को जोरदार झटका लगा है। दरअसल, सरकार ने पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़े नियमों को बदल दिया है...। इस अपडेट के बारे में अधिक जानकारी के लिए खबर को पूरा पढ़ें।

 

NEWS HINDI TV, DELHI : केंद्रीय कर्मचारियों को जोरदार झटका लगा है. सरकार ने ग्रेच्युटी और पेंशन (Gratuity and Pension) से जुड़ा नियम बदल दिया है. इस बदलाव में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सख्त चेतावनी (Strict warning for employees) जारी की गई है. अगर कर्मचारियों ने इसे अनदेखा किया तो ये उन्हें बहुत भारी पड़ सकता है।


इसलिए जरूरी है कि नियम को ध्यान से पढ़ें और इसका पालन भी कर लें. वहीं, कुछ वक्त पहले सरकार ने एक निर्देश जारी किया था, जिसमें कर्मचारियों को वर्कस्पेस में मिस्कंडट (Misconduct in the workspace) पाया गया तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. उनकी पेंशन और ग्रेच्‍युटी रोकी जा सकती है।

क्या है केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निर्देश?

सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी. अगर कोई कर्मचारी नौकरी पर काम में लापरवाही करता है तो रिटायरमेंट के बाद उसकी पेंशन और ग्रेच्‍युटी रोकी जा सकती है. ये नियम सभी केंद्रीय कर्मचारियों पर लागू है।

8 बदलाव के साथ जारी हुआ निर्देश-


सरकार ने सेंट्रल सिविल सर्विसेज (पेंशन) रूल 2021 के तहत नोटिफिकेशन जारी किया. इसमें सरकार ने CCS (पेंशन) 2021 के न‍ियमों में 8 बदलाव किए. नए प्रावधान जोड़े गए. नोटिफिकेशन के मुताबिक, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अपनी नौकरी के दौरान किसी गंभीर अपराध या लापरवाही में दोषी पाए जाएंगे तो रिटायरमेंट के बाद उनकी ग्रेच्‍युटी और पेंशन रोक दी जाएगी.

नए न‍ियम की जानकारी सभी संबंधित प्राधिकरणों को भेजी गई है. दोषी कर्मचारियों की जानकारी (employee information) मिलने पर उनकी पेंशन और ग्रेच्‍युटी रोकने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश संबंधित डिपार्टमेंट्स को दिए गए हैं।


कौन करेगा कर्मचारियों पर कार्रवाई?


ऐसे प्रेसिडेंट जो रिटायर्ड कर्मचारी के अप्‍वाइंटिंग अथॉरिटी में शामिल रहे हैं, उन्‍हें ग्रेच्‍युटी या पेंशन रोकने का अधिकार है. ऐसे सचिव जो संबंध‍ित मंत्रालय या विभाग से जुड़े हों जिसके तहत रिटायर होने वाले कर्मचारी की नियुक्ति की गई हो, उन्हें भी पेंशन और ग्रेच्‍युटी रोकने का अधिकार है. अगर कोई कर्मचारी ऑडिट और अकाउंट विभाग से रिटायर हुआ है तो CAG को दोषी कर्मचारियों के रिटायर होने के बाद पेंशन और ग्रेच्‍युटी रोकने का अधिकार है।

बाद में भी वसूली जा सकती है पूरी राशि-


नियम के अनुसार, नौकरी के दौरान अगर कर्मचारियों के खिलाफ कोई विभागीय या न्‍यायिक कार्रवाई हुई है तो इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा. अगर कोई कर्मचारी रिटायर होने के बाद फिर से संव‍िदा पर नियुक्‍त हुआ है तो उस पर भी यही नियम लागू होंगे. कोई कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद पेंशन या ग्रेच्‍युटी ले चुका है, उसके बाद अगर वो दोषी पाया जाता है तो पेंशन या ग्रेच्‍युटी की पूरी या आंशिक वसूली जा सकती है।


नियमों के मुताबिक, ऐसे स्थिति में किसी भी अथॉरिटी को अंतिम आदेश देने से पहले यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) से सुझाव लेना होगा. इसमें ये भी प्रावधान है कि किसी भी मामले में जहां पेंशन को रोका या निकाला जाता है, उसमें न्‍यूनतम राशि 9000 रुपए प्रति माह से कम नहीं होनी चाहिए.