Liquor : एक पैग (60 mL) शराब के सेवन शरीर पर होता हैं ये असर, पीने वाले जान लें

Wine Beer : यह तो हम सब जानते हैं कि शराब का सेवन हमारे लिए हानिकारक होता है, ये जानते हुए भी शराब पीने वालों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है, आइए आज आपको बताते है हर रोज 1 पेग (60 mL) शराब पीने से क्या होता है.....
 

NEWS HINDI TV, DELHI: आप अक्सर अखबारों और आर्टिकल्स में रिसर्च पढ़ते हैं कि कम मात्रा में शराब सेहत के लिए अच्छी होती है और कई बार पढ़ते हैं कि एल्कोहल नहीं पीनी चाहिए। ऐसे में आप भी भ्रम की स्थिति में हो सकते हैं कि थोड़ी मात्रा में शराब पीना क्या सच में नुकसानदायक है या फायदेमंद? 

डॉ. बता रहे हैं कि अगर आप रोजाना एक लार्ज पेग या 2 स्मॉल पेग यानी (60 mL) शराब पीते हैं, तो आपके शरीर और लिवर पर क्या प्रभाव (effects of drinking alcohol on the body) पड़ता है।

शराब का लिवर पर कितना प्रभाव:

शरीर में जाने वाले तरल पदार्थों (Liquids) की प्रॉसेसिंग लिवर करता है। जब शराब आपके शरीर में पहुंचती है, तो लिवर इसकी प्रॉसेसिंग शुरू करता है। मगर लिवर एक बार में बहुत ज्यादा शराब (Liquor) की प्रॉसेसिंग नहीं कर सकता है क्योंकि इसका आकार छोटा है। अब जब आप ज्यादा शराब पीते हैं, तो लिवर इसे प्रॉसेसिंग करने के लिए स्टोर नहीं कर पाता है और शराब (Wine Beer) आपके पेट और छोटी आंत से होते हुए आपके खून में घुलने लगती है।

ये खून शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचने से पहले लिवर के पास फिल्टर होने के लिए पहुंचता है। खून में घुले ये शराब एक खास तरह का एंजाइम बनाने लगते हैं, जिसे एसिडएल्डिहाइड कहते हैं।  ये एंजाइम लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में शराब पीने वाले लोगों का लिवर धीरे-धीरे खराब होने लगता है। लिवर अगर 60-70% तक काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति का जीवन मुश्किल हो जाता है और अनेक तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती है।


शराब पीने से कितने समय में खराब हो सकता है लिवर?

अक्सर पर देखा जाता है कि अगर आप शराब नहीं भी पी रहे हैं, तो भी आजकल खान-पान में मिलावट, वसा (तेल-घी) और केमिकलयुक्त आहारों के सेवन से आपका लिवर प्रभावित होता है। मगर जब आप शराब पीना शुरू करते हैं, तो लिवर धीरे-धीरे कई स्टेज में खराब होता जाता है।


पहला स्टेज- अगर आप एक हफ्ते में 4 दिन 90 mL से ज्यादा शराब पीते हैं, तो आप हैवी ड्रिंकर माने जाते हैं। Heavy Drink करने वालों में सबसे पहले लिवर के आस-पास फैट जमना शुरू हो जाता है। जिसके कारण फैटी लिवर की समस्या होती है। अगर कोई व्यक्ति इस स्टेज में शराब पीना छोड़ दे, तो उसका लिवर बाद में दोबारा ठीक हो जाता है।

दूसरी स्टेज- दूसरे स्टेज में व्यक्ति एल्कोहलिक हेपाटाइटिस हो जाता है। इस स्टेज में भी अगर व्यक्ति लगातार शराब पी रहा है तो उसके लिवर में सूजन आने लगती है और लिवर डैमेज होना शुरू हो जाता है। कई बार एल्कोहलिक हेपेटाइटिस के बढ़ जाने पर व्यक्ति की तबीयत जानलेवा स्तर तक खराब होने की संभावना रहती है। हालांकि इस स्टेज में भी शराब छोड़ देने पर व्यक्ति के लिवर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है और वो एक लंबी जिंदगी जी सकता है।

तीसरी और आखिरी स्टेज- तीसरी यानी आखिरी स्टेज में व्यक्ति लिवर सिरोसिस का शिकार हो जाता है। लिवर सिरोसिस का अर्थ है कि लिवर जिन सेल्स से बना है, वो मृत हो जाती हैं और लिवर को फंक्शन करने में परेशानी आती है। ज्यादातर  हैवी ड्रिंकर्स को 10 साल तक शराब पीने की आदत हो, तो फिर लिवर सिरोसिस हो जाता है। एक बार लिवर सिरोसिस हो जाने पर व्यक्ति के लिवर को ठीक नहीं किया जा सकता है। इस स्टेज तक आने के बाद की मौत निश्चित है।