Ajab Gajab : भारत में यहां एक ही लड़की की सभी भाईयों से होती है शादी, ऐसे बंटता है पतियों में समय

भारत देश के हर राज्य की अपनी एक अलग परंपरा है। कई जगहों पर आज ही पुराने समय वाली परंपरा निभाई जाती है। एक ऐसी ही जगह है जहां एक लड़की की शादी घर के सभी भाईयों से होती है। नीचे खबर में विस्तार से पढ़ें-

 

NEWS HINDI TV, DELHI : भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है. यहां हर संप्रदाय में अलग अलग तरह की परंपराएं हैं. देश में शादी को लेकर कई तरह के कायदे कानून और प्रथाएं हैं. कई जगहों पर शादियों में आज भी ऐसी प्रथाओं का पालन किया जाता है, जिन्हें सुन आपको यकीन नहीं होगा. आज हम आपको इस लेख में बहुपति विवाह के बारे में बताएंगे, जिसमें सभी भाइयों की शादी एक ही लड़की से की जाती है.

 

 

क्या होता है बहुपति विवाह –


अगर आपने महाभारत पढ़ी होगी तो आपको पता होगा कि द्रौपदी ने पांच पांडवों से शादी की थी. पांचों पांडवों उसके पति थे, लेकिन अगर ये आज के जमाने में हो तो आपको अजीब लगेगा न. जी हां आपको सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है, लेकिन कुछ जगहों पर आज भी ये प्रथा लागू की जाती है.


भारत में हिमाचल और अरुणाचल प्रदेश में बहुपति विवाह की खबरें अकसर आती रहती हैं. दावा किया जाता है कि अब इन जगहों पर बहुपति विवाह खत्म हो चुका है, लेकिन वहीं कुछ लोग कहते हैं कि अब इसे छिपाकर किया जाता है और इसकी चर्चा भी नहीं की जाती है. हालांकि तिब्बत में कहीं कहीं जगह यह प्रथा आज भी चलन में है. अब इसकी सच्चाई क्या है ये किसी को नहीं पता. तिब्बत में एक लड़की से ही सभी भाई शादी करते हैं, फिर सभी भाइयों के बीच समय बांट दिया जाता है.

भाइयों में ऐसे बंटता है समय-


तिब्बत में सबसे बड़ा भाई एक लड़की से शादी करता है और उसके बाद बचे हुए भाइयों की साझा पत्नी मान ली जाती है. इसी हिसाब से समय का भी बंटवारा किया जाता है. उम्र के हिसाब से समय का बंटवारा किया जाता है. सबसे बड़ा भाई सबसे पहले पत्नी के साथ समय बिताता है फिर उससे छोटा भाई फिर उसके बाद वाला छोटा भाई दुल्हन के साथ समय बिताता है.

कमरे के बाहर टांगी जाती है टोपी-


कमरे कौन है इसका पता लगाने के लिए भी नियम बनाए गए हैं. विवाह के कुछ समय तक तो बड़ा भाई पत्नी के साथ रहता है. इस दौरान वो कमरे के बाहर अपनी टोपी टांग देता है, जिससे पता चलता है कि कमरे में कौन है फिर उसके बाद जो भी पत्नी के साथ वक्त बिताता है वह अपनी टोपी दरवाजे पर टांग देता है. जब तक ये टोपी कमरे के बाहर टंगी रहती है तब तक कोई कमरे में नहीं जाता है. जो भी पत्नी के साथ वक्त बिताता है वह अपनी टोपी दरवाजे पर टांग देता है. हालांकि अब बहुत कम किस्से सुनने को मिलते हैं..


सभी बच्चों के साथ एक जैसा व्यवहार-


इस शादी के बाद यह पता कर पाना मुश्किल हो पाता है कि पत्नी किस भाई के बच्चे को जन्म देने वाली है या दे चुकी है. ऐसे में सभी बच्चों के साथ बराबर का व्यवहार किया जाता है. भले ही उसका बायोलॉजिकल पिता कोई भी हो. हालांकि कुछ जगहों पर बच्चे सिर्फ सबसे बड़े बेटे को पिता कहकर बुलाते हैं. कई बार एक बेटा शादी के बाद परिवार को छोड़कर जाना चाहता है तो उसे जाने दिया जाता है.

कैसे बना ये रिवाज-

एक लेख के मुताबिक ताबिक 1950 तक तिब्बत में बौद्ध भिक्षु की संख्या 1 लाख 10 हज़ार से ज्यादा थी. इसमें से 35% से ऊपर भिक्षु शादी की उम्र वाले थे. वहीं परिवार के सबसे छोटे बेटे को भिक्षु बनने भेज दिया जाता था. ऐसे में जमीन के बंटवारे को रोकने के लिए महिलाओं की एक ही परिवार में अन्य भाइयों से शादी करने की प्रथा शुरू कर दी. इस प्रथा का मुख्य उद्देश्य जमीन का बंटवारा ना होना और टैक्स सिस्टम से बचाना था.