OPS News : इस राज्य सरकार ने कर दिया एलान, सबको नहीं सिर्फ 26000 कर्मचारियों को मिलेगा OPS का फायदा 

देश भर के सरकारी कर्मचारी सरकार से OPS लागू करने की डिमांड कर रहे हैं क्योंबकी OPS से कर्मचारियों को तगड़ा फायदा होता है।  कुछ राज्यों में कर्मचारियों को इसका फायदा  मिल रहा है।  हाल ही में इस राज्य ने भी OPS लागू करने का एलान किया है पर साथ में बताया है की इसका लाभ सभी को नहीं मिलेगा बल्कि राज्य के 26000 कर्मचारियों को ही मिलेगा।  क्या है इसका कारण, आइये जानते हैं 
 

News Hindi TV, Delhi : महाराष्ट्र कैबिनेट (maharashtra cabinet) ने गुरुवार को एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जो नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ उठाने का विकल्प प्रदान करता है. कैब‍िनेट का यह फैसला सरकारी और अर्ध-सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर चले जाने के बाद आया. इन कर्मचार‍ियों और अध‍िकार‍ियों की मांग थी क‍ि ओपीएस को बहाल क‍िया जाए.

 

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मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने कहा कि कैबिनेट ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जो नवंबर 2005 के बाद सेवा में शामिल होने वाले राज्य कर्मचारियों को ओपीएस (old pension scheme) का विकल्प प्रदान करता है. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए महाराष्ट्र राज्य कर्मचारी परिसंघ के महासचिव विश्वास काटकर ने कहा क‍ि कैबिनेट के फैसले से उन 26000 राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा, जिनकी न‍ियुक्‍त‍ि नवंबर 2005 से पहले हुआ था, लेकिन बाद में उन्हें ज्वाइनिंग लेटर मिला. 

इस फैसले से केवल 26000 राज्य सरकार के कर्मचारियों को फायदा होगा. राज्‍य में लगभग 9 लाख 50 हजार कर्मचारी हैं, जो नवंबर 2005 से पहले सेवा में शामिल हुए थे और वह पहले से ही ओपीएस (OPS) का लाभ उठा रहे हैं. ओपीएस (OPS) के तहत, एक सरकारी कर्मचारी को उसके अंतिम व‍िड्रो सैलरी के 50 प्रतिशत के बराबर मासिक पेंशन (monthly pension) मिलती है. कर्मचारियों द्वारा अंशदान की कोई आवश्यकता नहीं थी. आपको बता दें क‍ि 2005 में राज्य में ओपीएस (OPS) बंद कर दिया गया था.

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नई पेंशन योजना (NPS) के तहत, एक राज्य सरकार का कर्मचारी अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते (da hike news) का 10 प्रतिशत योगदान देता है और राज्य भी उतना ही योगदान देता है. फिर पैसे को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा अनुमोदित कई पेंशन फंडों में से एक में निवेश किया जाता है और रिटर्न बाजार से जुड़ा होता है. राज्य कैबिनेट ने कारों के उपयोग के लिए टोल राशि के रूप में 250 रुपये वसूलने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है.