Success Story: किसान की बेटी ने सिविल जज बनकर बनाया खास रिकॉर्ड, कॉलेज में हासिल किया गोल्ड मैडल

Success Story, MPPSC Civil Judge: कुछ लोग अभावों के बीच भी अपनी रोशनी हासिल कर लेते हैं. वे हर तरह के स्ट्रगल से जूझते हुए अपना रास्ता खुद बनाते हैं.
 

News Hindi TV: डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, मध्य प्रदेश की रहने वाली निशा कुशवाहा ने भी कुछ ऐसा ही किया है (Nisha Kushwaha). वह अपने समाज की पहली सिविल जज बनी हैं. जानिए उनकी सक्सेस स्टोरी.
Success Story, MPPSC Civil Judge). हमारे आस-पास ऐसे कई लोगों के उदाहरण हैं, जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों से जूझकर अपना व अपने परिवार का नाम रोशन किया है. मध्य प्रदेश  की रहने वाली निशा कुशवाहा ने MPPSC सिविल जज परीक्षा पास करके जज का पद हासिल किया है. निशा गरीब परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनकी सक्सेस स्टोरी सबके लिए प्रेरणा है (Nisha Kushwaha Success Story).

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मन में कुछ करने का जज्बा हो तो राह भी अपने आप तैयार हो जाती है. यह कहानी है मध्यप्रदेश के बुरहानपुर की रहने वाली निशा कुशवाहा की (Farmer’s Daughter Nisha Kushwaha). निशा के पिता सीताराम कुशवाहा पेशे से किसान हैं. उनके लिए अपने 5 बच्चों को शिक्षित करना काफी बड़ा काम था. लेकिन उनकी दूसरी नंबर की बेटी निशा ने जज बनकर न सिर्फ उनका, बल्कि पूरे समाज का नाम रोशन कर दिया.

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बेटी के लिए पिता का त्याग
निशा के पिता सीताराम कुशवाहा के पास सिर्फ 2 एकड़ की जमीन है. उससे परिवार के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम कर पाना भी आसान नहीं था. 4 बेटियों और एक बेटे के पिता पिता सीताराम ने अतिरिक्त आय के लिए एक निजी होटल में बतौर कैशियर काम करना भी शुरू कर दिया था. उन्होंने भले डबल मेहनत की लेकिन बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी (Nisha Kushwaha Biography).

 

यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट थीं निशा
निशा ने एक प्राइवेट स्कूल से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. फिर सेवा सदन महाविद्यालय से उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल की. उसके बाद सेवा सदन लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की. निशा कुशवाहा देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट थीं. प्रदेश की पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) ने उन्हें सम्मानित भी किया था.


स्कॉलरशिप से हुई पढ़ाई
निशा कुशवाहा ने सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना से स्कॉलरशिप के जरिए अपनी पढ़ाई पूरी की. उनके पिता को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ (Beti Bachao Beti Padhao) योजना से काफी प्रेरणा मिली. सीताराम कुशवाहा अपनी बेटियों को लेकर काफी चिंतित रहते थे लेकिन उनकी एक बेटी ने उनका नाम रोशन कर दिया (Scholarship for Girls).

समाज की पहली महिला जज हैं निशा
एमपी सिविल जज परीक्षा पास करने के बाद निशा कुशवाहा समाज में बधाई का पात्र बन चुकी हैं (MPPSC Civil Judge Exam). जबलपुर हाईकोर्ट से भी निशा कुशवाहा के लिए बधाइयां आई हैं. बुरहानपुर और माली समाज की निशा कुशवाह एकमात्र ऐसी लड़की हैं, जिन्होंने इतनी पढ़ाई की है और सिविल जज की पोजिशन तक पहुंची हैं.