Supreme Court ने चेक बाउंस के मामले में सुनाया बड़ा फैसला, आप भी जान लें ये नियम

Supreme Court : आज हम आपको सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए एक अहम फैसले के बारे में बताने जा रहे हैं। कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चेक बाउंस को लेकर एक बड़ा फैसला सुनाया हैं। अगर आप भी भुगतान करने के लिए चेक का इस्तेमाल करते हैं। तो एक बार यह खबर जरूर पढ़े।
 

NEWS HINDI TV, DELHI: भारत के सर्वोच्च न्यायालय, यानी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का मानना है कि भले ही बैंक चेक में डिटेल किसी ने भी भरे हों, ज़िम्मेदारी उसी शख्स की होगी, जिसने चेक पर दस्तखत किए हैं. LiveLaw के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की दो जजों - जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ तथा जस्टिस ए.एस. बोपन्ना - की बेंच ने चेक बाउंस केस में एक अपील को मंज़ूरी देते हुए यह बात कही.

कोर्ट ने माना, हैंडराइटिंग एक्सपर्ट (हस्तलिपि विशेषज्ञ) की इस रिपोर्ट के आधार पर कि चेक साइन करने वाले ने डिटेल चेक में नहीं भरी थीं, चेक पर साइन करने की ज़िम्मेदारी से मुकरा नहीं जा सकता.

इस केस में आरोपी ने साइन करने के बाद एक ब्लैंक चेक दिया होना स्वीकार किया था, तथा दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की सेवाएं लेने की अनुमति प्रदान की, ताकि जांचा जा सके कि चेक की डिटेल साइन करने की हस्तलिपि में थीं या नहीं.

शीर्ष अदालत ने कहा कि जो बैंक चेक पर दस्तखत कर रहा है और चेक को किसी व्यक्ति को दे रहा है, उसी को ज़िम्मेदार समझा जाएगा, जब तक यह साबित न हो चेक को किसी कर्ज़ के भुगतान या ज़िम्मेदारी भुगताने के लिए जारी किया गया था. इसका पता लगाने के लिए चेक की जानकारी 'साइन करने वाले की हस्तलिपि में हैं या नहीं' से कोई फर्क नहीं पड़ता.