UP News : यूपी पुलिस का गजब का कारनामा, 200 रुपये के नोट में बदले दिए 2000 रुपये के नोट
UP News : आपको बता दें कि यूपी के बदायूं में साधना शर्मा हत्याकांड मामले में विशेष न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट में क्राइम ब्रांच दरोगा की गवाही के दौरान उझानी पुलिस का बड़ा खेल सामने आया। बता दें कि इस मामले में 200 रुपये के नोट में दो हजार रुपये के नोट बदले गए है। आइए नीचे खबर में जान लेते है आखिर पूरा मामला क्या है।
NEWS HINDI TV, DELHI : यूपी के बदायूं में साधना शर्मा हत्याकांड मामले में विशेष न्यायालय एससी-एसटी कोर्ट में क्राइम ब्रांच दरोगा की गवाही के दौरान उझानी पुलिस का बड़ा खेल सामने आया। पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान नरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू से बरामद रुपये में 2000 का नोट 200 रुपये के नोट में तब्दील हो गए।
वही कोर्ट में विवेचक क्राइम ब्रांच ने मौजूदा कोतवाल उझानी मनोज कुमार, माल मोहिरर अनुज कुमार पर सीधा-सीधा आरोपियों से मिलकर साक्ष्य से छेड़छाड़ कर न्यायालय में झूठी रिपोर्ट भेजने का आरोप लगाकर सनसनी बना दी है।
साधना शर्मा हत्याकांड में आरोपी नरेंद्र उर्फ पिंटू को 11 मई 2017 को क्राइम ब्रांच विवेचक सिकंदर खां ने पुलिस कस्टडी के दौरान नरेंद्र की निशानदेही पर 4600 रुपए बरामद किए। बरामद रुपए को सील मोहर किये गये। जिसमें दो हजार रुपये का एक नोट, पांच सौ रुपये के तीन नोट और 100 रुपये के 11 नोट थे। पूरी बारामदगी की नोटों की क्रम संख्या सहित जीडी तैयार कर केस डायरी में संलग्न की गई।
मामले का ऐसे हुआ खुलासा सात नवंबर 2023 को क्राइम ब्रांच बरेली विवेचक सिकंदर खां मामले में गवाही देने न्यायालय पहुंचे। गवाह के बयान के मुताबिक जब बरामदगी वाला माल मुकदमा कोर्ट के सामने पेश हुआ तो उसकी सील टूटी हुई थी।
जीडी के मुताबिक माल मुकदमे के नोटों का जब मिलान किया गया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आये। पांच सौ रुपये के तीन नोट की जगह पांच सौ के पांच नोट मिले। दो हजार रुपये का नोट गायब था, उसकी जगह 200 रुपये के पांच नोट मिले। 100 रुपये के 11 नोट मिले।
विवेचक ने मालपुलंदा देखते ही कोर्ट में यह बयान दिया कि यह वह रुपये नहीं हैं, जो उन्होंने गिरफ्तारी के समय बरामद किए थे। विवेचक ने इस मामले में सीधे-सीधे वर्तमान कोतवाल उझानी मनोज कुमार, मालखाना इंचार्ज अनुज कुमार पर पीसी शर्मा व अन्य आरोपियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य रुपए बदलने का आरोप लगाया है।
वर्तमान कोतवाल की भूमिका संदिग्ध-
वर्तमान के उझानी कोतवाल की भूमिका इस कारण संदिग्ध है कि जब न्यायालय ने उनसे रिपोर्ट मांगी तो कोतवाल ने कोर्ट में रिपोर्ट भेजी कि यह वही माल बरामदगी है जो तत्कालीन मामले की विवेचक सिकंदर खां ने की थी। जिस समय बरामदगी हुई थी उसे समय 200 रुपए का नोट चलन में नहीं था।
यह भी तथ्य सामने आया कि दो हजार रुपये नोट बदलने की जो आरबीआई की गाइडलाइन थी, उसे संबंध में भी नोट बदलने का कोर्ट का कोई आदेश नहीं था। सारे मुकदमों में दो हजार रुपये के नोट बदलने की जो गाइडलाइन जारी हुई थी, उसमें सब पत्रावली में अलग से आदेश पारित किए गए थे जबकि इस पत्रावली में ऐसा कोई आदेश संलग्न नहीं था।
2017 से अब तक 11 कोतवाल जांच के दायरे में-
मामले में जांच के लिए मुकदमा दर्ज होता है तो उझानी थाने में तैनात 11 कोतवाल जांच की रडार में आएंगे। जिसमें सात मई 2017 से लेकर अब तक उझानी कोतवाली में तैनात रहे संजय कुमार गोयल, राजीव कुमार शर्मा, राजीव कुमार, विनोद कुमार, ओमकार सिंह, विशाल प्रताप सिंह, अजय सिंह चाहर, विजेंद्र सिंह, हरपाल सिंह बालियान, शैलेंद्र कुमार और वर्तमान कोतवाल मनोज कुमार जांच के दायरे में आएंगे। इन्हीं किसी कोतवाल के समय में मामले में रुपए की अदला-बदली की गई हो सकती है।
वादिनी ने मुकदमा दर्ज कराने की मांग की-
साधना शर्मा हत्याकांड मामले में मुकदमे की वादीनी विर्पणा गौड ने पूरे मामले में न्यायालय व पुलिस के आला अधिकारियों से मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।
हत्या के मुख्य अभियुक्त पीसी शर्मा से सांठगांठ करके आरोपियों के बचने के उद्देश्य इस तरह की कार्रवाई की गई है। उन्होंने इस मामले में डीजीपी से लेकर एसएसपी व मुख्यमंत्री पोर्टल पर इसकी शिकायत की।