Budget 2024 : सरकारी कर्मचारियों की old pension scheme फिर से होगी लागू, जारी हुआ ताजा अपडेट

Budget Expectation 2024 : सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जा सकता हैं। हाल ही मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि मोदी सरकार 1 फरवरी, 2024 को अंतरिम बजट पेश करने वाली है। जानिए इससे जूड़ी पूरी डिटेल...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट (interim budget) पेश करेंगी। सूत्रों के मुताबिक इसमें नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) पर स्टेटस रिपोर्ट पेश की जा सकती है। केंद्र सरकार ने एनपीएस की समीक्षा (nps review) के लिए पिछले साल अप्रैल में वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में एक कमेटी बनाई थी। माना जा रहा है कि यह कमेटी इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। कमेटी की बैठकों में एनपीएस के नियमों में कुछ बदलाव करने पर चर्चा हुई है लेकिन यह पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल करने के पक्ष में नहीं है। सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम (old pension scheme) को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। कई राज्यों ने इसे बहाल कर दिया है। चुनावी वर्ष में केंद्र सरकार पर भी इसे बहाल करने का दबाव है।

सूत्रों का कहना है कि सरकार कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने से पहले लोगों से सुझाव ले सकती है। एक अधिकारी ने ईटी से कहा कि रिपोर्ट पर काम चल रहा है। इस रिपोर्ट में इस बात पर फोकस होगा कि एनपीएस में कैसे सुधार किया जाए। इसमें पेंशनर्स की चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। अगर रिपोर्ट में किसी तरह के बदलाव की जरूरत होगी तो राजकोषीय असर को देखते हुए इसे किया जाएगा। उसके बाद इसे लोगों के सुझाव के लिए रखा जाएगा। केंद्र सरकार ने एनपीएस को सरकारी कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए पिछले साल अप्रैल में इस कमेटी का गठन किया था।

आरबीआई ने किया विरोध-

एक जनवरी, 2004 से केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू किया गया था। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (Pension Fund Regulatory and Development Authority) के मुताबिक तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू किया है। पिछले साल राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश ने पुरानी पेंशन स्कीम (old pension scheme) को बहाल करने का फैसला किया था। इस व्यवस्था के तहत सरकारी कर्मचारियों को उनकी अंतिम सैलरी का 50% राशि पेंशन के रूप में मिलती है। केंद्र सरकार का कहना है कि ओपीएस से सरकारी खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। इस कारण इसे हटा दिया गया था। आरबीआई और कई जाने-माने अर्थशास्त्रियों ने ओपीएस को बहाल करने का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस कदम से राज्यों की वित्तीय स्थिति गड़बड़ा जाएगी।