ITR Filing: टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, इस तारीख को आएगा फॉर्म 16

ITR Filing: अगर आप टैक्सपेयर हैं तो आपके लिए जरूरी अपडेट है। फॉर्म 16 के बिना ITR नहीं भर सकते। इस फॉर्म को भरने के लिए तारीखा तय हो गई है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
 
 

NEWS HINDI TV, DELHI : इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने के लिए फॉर्म 16 का होना बेहद जरूरी होता है. इसके बिना आईटीआर नहीं भरा जा सकता. नौकरी करने वालों को हर साल एक तय तारीख के बाद यह फॉर्म मिलता है. इसके बाद वे अपना आईटीआर(ITR) भर सकते हैं. अगर आप भी नौकरी में हैं तो आपको भी इनकम टैक्‍स रिटर्न(income tax return) दाखिल करने के लिए अभी इंतजार करना होगा.

ऐसा इसलिए क्‍योंकि नियोक्‍ता कर्मचारियों का फॉर्म 16 (Form 16) 15 जून तक ही जारी करेंगे. इस वजह से नौकरीपेशा लोग 15 जून के बाद ही आईटीआर दाखिल कर पाएंगे. वेतनभोगी 31 जुलाई तक अपनी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. नियोक्‍ता के लिए 15 जून या इससे पहले कर्मचारियों के फॉर्म 16 जारी करना होता है. फिलहाल इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर सैलरीड टैक्‍सपेयर्स के लिए असेसमेंट ईयर 2023-24 की आईटीआर दाखिल करने का ऑप्‍शन ओपन नहीं हुआ है.


फॉर्म 16 कंपनियां अपने कर्मचारियों को जारी करती हैं. यह कर्मचारी की सैलरी से काटे गए TDS को सर्टिफाई करता है. इससे यह भी पता चलता है कि कंपनी ने टीडीएस काटकर सरकार को दे दिया है. फॉर्म-16 फॉर्म के दो हिस्से होते हैं. पार्ट ए और पार्ट बी. पार्ट ए में संस्थान का TAN, उसका और कर्मचारी का पैन, पता, एसेसमेंट ईयर, रोजगार की अवधि और सरकार को जमा किए गए टीडीएस का संक्षिप्त ब्योरा होता है. भाग बी में सेलरी का विस्तृत ब्रेकअप, धारा 10 के तहत मिलने वाली छूट भत्तों का विस्तृत ब्रेकअप और आयकर अधिनियम के तहत स्वीकृत कटौतियां शामिल होती हैं.


 

फॉर्म 16 देना अनिवार्य


सभी नियोक्‍ताओं (कंपनियों) को अपने कर्मचारियों को फॉर्म 16 देना जारी करना अनिवार्य है. अगर इम्प्लॉयर फॉर्म 16 जारी नहीं करता है, तो उस पर जुर्माना लग सकता है. आयकर अधिनियम की धारा सेक्शन 272 के तहत 100 रुपये रोजाना पेनल्‍टी लग सकती है. फॉर्म 16 न मिलने पर कर्मचारी असेसिंग ऑफिसर को कंपनी की शिकायत कर सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति का फॉर्म 16 खो जाता है, तो वह नियोक्ता से डुप्लीकेट फॉर्म 16 ले सकता है. अगर एक वित्तीय वर्ष में कोई व्‍यक्ति नौकरी बदल लेता है तो उसे दोनों कंपनियां फॉर्म 16 देगी.

फॉर्म 16 को अच्‍छे से जांचे


फॉर्म 16 और रिटर्न में कोई अंतर नहीं होना चाहिए. फॉर्म 16 मिलने पर पैन नंबर, सैलरी और टैक्स छूट के ब्यौरे को जांच लें. साथ ही इम्प्लॉयर का पैन, TAN, हस्ताक्षर और स्टांप को भी चेक करें. नए निवेश की जानकारी भी कर्मचारी द्वारा नियोक्‍ता को देनी जरूरी होती है. इम्प्लॉयर को जानकारी नहीं होने पर रिटर्न में मिसमैच होगा.