Old Pension Big Update: पुरानी पेंशन को लेकर बड़ा अपडेट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया बड़ा बयान

Old Vs New Pension Scheme: पुरानी पेंशन को लेकर हाल में बड़ा अपडेट सामने आया है। ताजा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्री सीता रमण ने पुरानी पेंशन बहाल करने का फैसला ले लिया है।
 

News Hindi TV: नई दिल्ली, New Pension Scheme: देशभर में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग चल रही है. कुछ राज्‍यों में तो कर्मचार‍ियों ने पुरानी पेंशन लागू नहीं करने पर हड़ताल तक करने की धमकी दे दही है. इसी बीच अब रेलवे कर्मचार‍ियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने की मांग की जा रही है. कई राज्‍य इसको लेकर पहले ही फैसला कर चुके हैं और उन्‍होंने अपने राज्‍य में इसे शुरू भी कर द‍िया है. इस बीच केंद्रीय वित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) का बड़ा बयान आया है. व‍ित्‍त मंत्री ने साफ कहा क‍ि न्‍यू पेंशन स्‍कीम (New Pension Scheme, NPS) के पैसे को राज्‍य सरकारों को पुरानी पेंशन (OPS) के ल‍िए नहीं द‍िया जा सकता.

राजस्‍थान सरकार पैसा ट्रांसफर करने की मांग कर रही
जयपुर के एक होटल में बजट के बाद होने वाले ड‍िस्‍कशन में सीतारमण ने कहा यद‍ि क‍िसी राज्‍य सरकार ने यह सोचकर पुरानी पेंशन बहाल करने का न‍िर्णय ल‍िया है क‍ि केंद्र से एनपीएस (NPS) का पैसा म‍िल जाएगा, तो यह नहीं म‍िलेगा. आपको बता दें राजस्‍थान में 1 अप्रैल 2022 से पुनानी पेंशन योजना को लागू कर द‍िया गया है. उसके बाद ही राज्‍य की कांग्रेस सरकार न्‍यू पेंशन स्‍कीम (NPS) के तहत काटे गए पैसे को ट्रांसफर करने की मांग कर रही है.

कर्मचार‍ियों को ही द‍िया जाएगा पैसा
इसके बाद राजस्‍थान की तर्ज पर ह‍िमाचल सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन योजना को लागू क‍िया गया. व‍ित्‍त मंत्री ने स्‍पष्‍ट क‍िया क‍ि एनपीएस (NPS) के तहत वेतन से काटा गया पैसा कर्मचार‍ियों का है. यह र‍िटायरमेंट के समय उन्‍हें द‍िया जाएगा या जब कर्मचारी को इस पैसे की जरूरत होगी, तो उन्‍हें द‍िया जाएगा. इकट्ठा क‍िया गया पैसा राज्‍य सरकारों के हाथ में नहीं द‍िया जाएगा. जब सही समय आएगा, तब यह कर्मचार‍ियों को द‍िया जाएगा.

मुफ्त की योजनाओं पर बोलीं व‍ित्‍त मंत्री
राज्य सरकार की तरफ से दी जाने वाली मुफ्त योजनाओं के सवाल के जवाब में, सीतारमण ने कहा, 'जब सरकार की वित्तीय स्थिति अच्छी होती है, तो आप ऐसी योजनाएं चलाते हैं. उनके लिए अपने बजट में प्रावधान करें. अगर आपके राज्य की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो आप बजट में प्रावधान नहीं कर रहे हैं, उसके लिए आप कर्ज ले रहे हैं. यह सही नहीं है. यह पैसा कौन देगा?'


उन्‍होंने कहा, ऐसी योजनाएं लाने के लिए राज्यों को अपने संसाधनों से धन जुटाना चाहिए, टैक्‍स से कमाई करनी चाह‍िए. मुफ्त योजनाओं का संचालन करने के ल‍िए राज्य अपना बोझ किसी और पर डाल रहे हैं... यह पूरी तरह गलत है.