Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, इन कर्मचारियों को होगा सीधा फायदा

मोदी सरकार की ओर से कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। ताजा जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार की ओर से इन कर्मचारियों को नई पेंशन व्यवस्था से पुरानी पेंशन स्कीम में स्विच करने का प्लान है।
 

News Hindi TV: दिल्ली, Old Pension Scheme: एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में स्विच करने के लिए वन टाइम विकल्प देने का निर्णय लिया है. इससे सरकारी कर्मचारी नई पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन स्कीम में स्विच कर सकेंगे. हालांकि मोदी सरकार की ओर से लिया गया ये फैसला सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए नहीं है.


Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना इन दिनों काफी चर्चाओं में है. इस बीच ओल्ड पेंशन स्कीम पर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. एक महत्वपूर्ण निर्णय में सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) में स्विच करने के लिए वन टाइम विकल्प देने का निर्णय लिया है. इससे सरकारी कर्मचारी नई पेंशन स्कीम से पुरानी पेंशन स्कीम में स्विच कर सकेंगे. हालांकि मोदी सरकार की ओर से लिया गया ये फैसला सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए नहीं है. इसका फायदा चुनिंदा सरकारी कर्मचारी ही उठा सकेंगे.

नई पेंशन स्कीम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वे सरकारी कर्मचारी ओपीएस में शिफ्ट हो सकेंगे जिन लोगों ने 22 दिसंबर 2003 से पहले विज्ञापित नौकरियों के लिए आवेदन किया था, जिस दिन राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को अधिसूचित किया गया था, लेकिन 2004 में सेवा में शामिल हुए थे, जब NPS लागू हुआ था. NPS को 22 दिसंबर 2003 को अधिसूचित किया गया था. DoPPW के अनुसार पात्र कर्मचारी 31 अगस्त 2023 तक वन-टाइम विकल्प का उपयोग कर सकते हैं.

पुरानी पेंशन स्कीम
इससे कई सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. यह आदेश केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के कर्मियों और अन्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगा, जो 2004 में सेवाओं में शामिल हुए थे, क्योंकि प्रशासनिक कारणों से भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई थी. एनपीएस में कर्मचारियों के योगदान को व्यक्ति के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) में जमा किया जाएगा.

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पेंशन स्कीम
भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने कहा है कि पुरानी व्यवस्था को बहाल करने से सरकार पर अनावश्यक वित्तीय बोझ पड़ेगा. जबकि छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे कई विपक्षी शासित राज्यों ने ओपीएस को बहाल करने का ऐलान भी कर दिया है. 31 जनवरी तक एनपीएस के तहत 23,65,693 केंद्र सरकार के कर्मचारी और 60,32,768 राज्य सरकार के कर्मचारी नामांकित थे. पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों ने एनपीएस लागू किया था.