RBI news : आरबीआई ने रद्द किया इन बैंकों का लाइसेंस, जानिए पूरा मामला

RBI news : हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि आरबीआई ने इन बैंकों के लाइसेंस रद्द किए हैं। दरअसल, RBI ने देश में बैंकिंग सेक्टर को सुचारु रूप से चलाने के लिए बहुत सारे नियम बनाये हैं। और नियमों का पालन न करने पर बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता हैं। RBI ने हाल ही में एक बड़ा एक्शन लिया हैं। जानिए पूरी जानकारी...
 

NEWS HINDI TV, DELHI: पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर की गई कार्रवाई के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) एक्शन मोड में नजर आ रहा है। अब RBI ने तीन गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों यानी NBFC के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया है। ये तीन NBFC भारथु इन्वेस्टमेंट एंड फाइनेंस इंडिया, कॉक्स एंड किंग्स फाइनेंशियल सर्विस और पीएसपीआर एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड हैं।

कई NBFC ने लाइसेंस किया सरेंडर:


एक अलग नोटिफिकेशन में रिजर्व बैंक ने कहा कि नौ एनबीएफसी और एक हाउसिंग फाइनेंस (housing finance) कंपनी ने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया। हाउसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन बिजनेस से बाहर निकलने के बाद रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड ने भी अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। नौ NBFC में से एसएमआईएलई माइक्रोफाइनेंस, जेएफसी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, कावेरी ट्रेडफिन प्राइवेट लिमिटेड और गिन्नी ट्रेडफिन लिमिटेड ने कारोबार से बाहर होने के बाद अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए हैं। इसी तरह, जेजी ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, एसके फिनसर्व प्राइवेट लिमिटेड, माइक्रोफर्म कैपिटल प्राइवेट लिमिटेड, बोहरा एंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड और महिको ग्रो फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड ने अपने लाइसेंस सरेंडर कर दिए।

आरबीआई ने कही थी ये बात:

इससे पहले रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा था कि NBFC के लिए बैंक लाइसेंस मांगना अस्वाभाविक है। राव ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि NBFC को पहले ही कुछ नियामकीय लाभ हासिल हैं। राव ने छोटी राशि के कर्ज देने वाले ऋणदाताओं पर इस बात के लिए निशाना साधा कि नियामक ने उन्हें ब्याज दरों पर जो आजादी दी है, वे उसका दुरुपयोग करके अधिक ब्याज वसूलते हैं।


चेतावनी भी दे दी:

उन्होंने सीधे लोन देने वाले मंचों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी कुछ व्यावसायिक गतिविधियां लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अनुरूप नहीं हैं, और यह स्पष्ट किया कि ऐसे उल्लंघन स्वीकार्य नहीं हैं। डिप्टी गवर्नर ने एनबीएफसी से बैंकों में परिवर्तित होने की मांग के बारे में भी बात की और कहा कि एनबीएफसी को कुछ फायदे मिलते हैं। राव ने कहा- NBFC कुछ खास आर्थिक कार्य करने वाली विशिष्ट कंपनियों के रूप में विकसित हुई हैं और बैंक जैसा बनने की मांग करना उनके लिए अस्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आरबीआई अधिक संख्या में NBFC को जमा स्वीकार करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने बताया कि एक भी नया लाइसेंस नहीं दिया गया है और जमा स्वीकार करने वाली एनबीएफसी की संख्या 200 से कम होकर अब केवल 26 रह गई है।