Rice Price : टमाटर के बाद अब बढ़ने वाले हैं चावल के रेट, पहले ही खरीद लें

पिछले कुछ दिनों में टमाटर के रेट आसमान को छू रहे थे। अब कुछ गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन अब टमाटर के बाद चावल के दामों में तेजी आने वाली है। गैर-बारसमती चावल के निर्यात में बढ़ोतरी हुई है। 
 

NEWS HINDI TV, DELHI :भारत के गैर-बासमती चावल के निर्यात पर बैन (India Rice Ban) लगाते ही अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में चावल के रेट 3 फीसदी तक बढ़ गए हैं. गैर-बासमती के एक्‍सपोर्ट पर बैन के बाद बासमती चावल के निर्यात (Basmati Rice Export) में उछाल आने की संभावना है।


 
अब अचानक ही बासमती निर्यात मांग बढ़ गई है. इसका कारण है कि बासमती के विदेशी खरीदारों को लगता है कि देर-सवेर भारत बासमती के निर्यात पर भी बैन लगा सकता है. हालांकि, भारत ने कभी बासमती के निर्यात पर बैन नहीं लगाया है. निर्यात मांग बढ़ने से बासमती चावल का दाम घरेलू बाजार में भी बढ़ सकता है।


भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है. गैर बासमती चावल के कुल वैश्विक उत्‍पादन में भारत का हिस्‍सा 40 फीसदी है. बासमती चावल का भी भारत सबसे बड़ा उत्‍पादक और निर्यातक है. भारत ने साल 2022-23 में करीब 4.5 मिलियन मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात किया था. सऊदी अरब, ईरान, इराक, संयुक्त अरब अमीरात, यमन और अमेरिका भारतीय बासमती के बड़े आयातक हैं।

जल्‍द शिपमेंट भेजने की मांग

हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बासमती चावल के बड़े भारतीय निर्यातक जीआरएम ओवरसीज के मैनेजिंग डायरेक्‍टर अतुल गर्ग का कहना है, “खरीदार जल्‍द बासमती चावल भेजने का अनुरोध कर रहे हैं. उन्‍हें डर है कि भारत सरकार बासमती चावल का एक्‍सपोर्ट भी बैन करेगी.” गर्ग का कहना है कि आमतौर पर खरीदार लॉन्‍ग टर्म कांट्रेक्‍ट करते हैं. वे हर महीने चावल मंगाते हैं. लेकिन, इस बार जो शिपमेंट सितंबर और अक्‍टूबर के लिए बुक कराया गया था, उसे अगस्‍त में ही भेजने का अनुरोध बासमती चावल के आयातक कर रहे हैं।
 

क्‍या एक्‍सपोर्ट होगा बैन?


भारत सरकार ने बासमती चावल के एक्‍सपोर्ट पर बैन लगाने का कोई संकेत नहीं दिया है. भारत ने पिछले लंबे समय से बासमती एक्‍सपोर्ट पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है. केवल साल 2008 में बासमती के निर्यात पर एक्‍सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी. दिल्‍ली के एक चावल निर्यातक का कहना है कि भारत के बासमती चावल के निर्यात पर बैन लगाने की कोई संभावना नहीं है. लेकिन, आयातक गैर-बासमती चावल पर बैन लगाए जाने के बाद से ही डरे हुए हैं।


पिछले सीजन बासमती धान में थी तूफानी तेजी

पिछले साल बासमती चावल उगाने वाले किसानों को अपनी फसल का बंपर भाव मिला था. बासमती धान (Basmati Paddy) की डीबी 1401 और पीबी 1121 किस्‍मों का भाव तो पांच हजार रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गया था. इसी तरह बासमती 1509 का भाव भी 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक हो गया था. इस साल अभी उत्‍तर प्रदेश की मंडियों में बासमती 1509 किस्‍म की आवक शुरू हुई है. अब 1509 धान 3000 हजार रुपये बिक रहा है. वहीं, पुराने 1509 धान का रेट अब 3900 रुपये चल रहा है।