Alcohol : रोजाना रेड वाइन के सेवन होते हैं ये 2 बड़े नुकसान, पीने वाले जरूर जाने
NEWS HINDI TV, DELHI: वाइन आज कल के समय के उन पेय पदार्थों में शामिल हैं। जिनका सेवन करना न केवल पसंद करते हैं। बल्कि उनके मुताबिक दो से तीन गिलास वाइन का सेवन हृदय के लिए लाभदायक होता है। ऐसा कहा भी जाता है कि वाइन के अंदर ऐसे एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हृदय को तो लाभ देते ही हैं। साथ ही यह एक व्यक्ति के लंबे समय तक जीवित रहने की वजह भी बन सकते हैं। इसके अलावा एक बड़ी संख्या में लोग वाइन का सेवन काम से आने के बाद थकान मिटाने के लिए करते हैं।
लेकिन एक तबका ऐसा भी है जो वाइन को केवल कटघरे में ही खड़ा रखता है। इस स्थिति यह तय कर पाना मुश्किल लगता है कि वाइन पीने के असल में फायदे ज्यादा हैं, या नुकसान। अगर आप भी इस कंफ्यूजन में हैं तो एक्सपर्ट आपकी यह कंफ्यूजन पूरी तरह दूर कर सकते हैं। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं वाइन पीने के खतरनाक नुकसान के बारे में।
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा:
ऐसे कई महानुभाव है जो यह मानते हैं कि वाइन के अंदर मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कैंसर के खतरे को कम करते हैं। लेकिन इसके विपरीत साल 2006 में एनल्स ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, वाइन ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ा देती है। इस अध्ययन में कहा गया है कि प्रतिदिन दो से तीन गिलास वाइन का सेवन ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को 30 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इसके अलावा वह लोग जिनकी फैमिली हिस्ट्री में पहले ब्रेस्ट कैंसर की समस्या रही हो। उनके लिए यह अधिक खतरनाक हो सकती है।
हृदय रोगों को करती है ट्रिगर:
वाइन को लेकर भले ही एक आम राय यह हो कि यह हृदय रोगों से बचाती है। लेकिन इस बात को साल 2021 में हुआ एक अध्ययन पूरी तरह गलत साबित करता हुआ दिखाई दे रहा है। साल 2021 के यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, वाइन का रोजाना सेवन करने से 16 प्रतिशत तक हृदय रोग का जोखिम बढ़ सकता है। हालांकि ऐसा माना जाता है कि वाइन का सेवन तय मात्रा में करने से ब्लड प्रेशर कम हो सकता है, जो हृदय को कुछ हद तक लाभ दे सकता है। लेकिन इसे लेकर अभी कुछ अन्य रिसर्च होनी बाकी है।
PMS के लक्षण बिगाड़ सकती है:
पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जो आमतौर पर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान या उससे पहले होने लगती है। इस स्थिति में महिलाओं को मूड स्विंग्स, एंग्जाइटी, और चिड़चिड़ापन होने लगता है। ऐसे में वाइन इन लक्षणों को न केवल अधिक भड़का सकती है। बल्कि यह मासिक चक्र को भी प्रभावित कर सकती है। यही नहीं आंत में सूजन और हार्मोनल संरचना में भी बदलाव ला सकती है। कुल मिलाकर यह महिलाओं के पीरियड्स को नुकसान पहुंचा सकती है।
सिरोसिस का खतरा:
आप शायद जानते होंगे कि शराब का सेवन लीवर को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाता है। ज्ञात हो कि शराब के सेवन की वजह से सबसे पहले एल्कोहॉलिक फैटी लीवर की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके बाद अगर इसका उपचार न किया जाए तो यह सिरोसिस में तब्दील हो जाता है। साथ ही यह आगे चलकर लीवर को पूरी तरह डैमेज भी कर सकता है। इसी का जिक्र भी साल 2015 में यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ लीवर में प्रकाशित एक अध्ययन में भी मिलता है। इस अध्ययन के मुताबिक एक तय मात्रा में भी शराब का सेवन सिरोसिस के जोखिम को 11.13 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।
नींद से जुड़ी दिक्कतें:
सही प्रकार से नींद न आने पर कई तरह की दिक्कत होने लगती हैं, जैसे चिड़चिड़ापन, खराब प्रोडक्टिविटी, इरिटेशन और लोअर इंसुलिन सेंसिटिविटी आदि। ऐसे में खराब नींद का सीधा कनेक्शन शराब से जोड़ा जा सकता है, और यह इन सभी समस्याओं की जड़ भी हो सकती है। आपको बता दें कि जब आप शराब का सेवन करते हैं तो यह आपकी नींद में खलल पैदा करती है। जिसकी वजह से आप ज्यादा सोने पर भी थका हुआ ही महसूस करते हैं।