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Delhi की बसों में महिलाओं के साथ साथ अब इन लोंगो को भी नहीं देना होगा किराया

Delhi News - दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की घोषणा के बाद अब बसो में महिलाओं के साथ-साथ इन लोगों को भी किराया नहीं देना पड़ेगा... इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े। 
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Delhi की बसों में महिलाओं के साथ साथ अब इन लोंगो को भी नहीं देना होगा किराया

NEWS HINDI TV, DELHI:  कुछ समय पहले दिल्ली सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान योजना की शुरुआत करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, ने निर्माण क्षेत्र के 100 कामगारों को निशुल्क बस पास वितरित किए. इससे पहले महिलाओं को सार्वजनिक बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा प्रदान की गई थी. 

 


दस लाख पंजीकृत मजदूरों पर 600 करोड़ खर्च किए-

 


उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘दिल्ली में दस लाख कामगार पंजीकृत हैं. पिछले एक वर्ष में केजरीवाल सरकार ने दस लाख पंजीकृत मजदूरों (विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं) को 600 करोड़ रुपये दिए हैं, जो पूरे देश में अब तक कामगारों में बांटी गई सबसे बड़ी रकम है.’’ उप मुख्यमंत्री ने कामगारों से कहा कि बस पास मिलने से उनका आने-जाने का खर्च बच जाएगा और उस धन को वे अपने परिवार पर खर्च करें, कहीं और बर्बाद नहीं करे.

 


पंजीकरण केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं-


निर्माण क्षेत्र के कामगारों में राजमिस्त्री, पेंटर, वेल्डर, बढ़ई और क्रेन संचालक, बिजलीकर्मी, बेलदार आदि शामिल हैं. सिसोदिया ने कुछ लाभार्थियों से बातचीत की, जिन्होंने उन्हें बताया कि वे अपने कार्यस्थलों की यात्रा पर प्रति माह हज़ारों रुपये खर्च करते थे. निर्माण क्षेत्र के कामगारों को अब कार्यालयों के चक्कर लगाने या बस पास के लिए कतार में खड़े होने की जरूरत नहीं होगी और वे दिल्ली परिवहन निगम की वेबसाइट या निर्माण बोर्ड के 34 पंजीकरण केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकते हैं.

 


कामगारों को प्रति माह 1,500-2,000 रुपये बचाने में मदद मिलेगी-


योजना के तहत, दिल्ली भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत सभी कामगारों को दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बसों में यात्रा करने के लिए मुफ्त पास के लिए आवेदन कर सकते हैं. आम आदमी पार्टी की कालकाजी से विधायक आतिशी ने कहा कि इससे निर्माण क्षेत्र से जुड़े कामगारों को प्रति माह 1,500-2,000 रुपये बचाने में मदद मिलेगी और वे अपने परिवारों का बेहतर सहयोग कर पाएंगे.