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Car Insurance Tips : अगर आप भी ले रहे हैं कार इंश्योरेंस, तो जाने लें क्या होता है IDV

Car Insurance IDV Means : आपको बता दें कि कारों का चलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा हैं। और अगर आप भी कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं। और इसके साथ ही कार इंश्योरेंस (Car Insurance) भी लेने के बारे में विचार कर रहे हैं। तो आको (IDV) का पता होना बेहद जरूरी हैं। जानिए हमारी इस खबर में इससे जुड़ी पूरी डिटेल...
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Car Insurance Tips : अगर आप भी ले रहे हैं कार इंश्योरेंस, तो जाने लें क्या होता है IDV

NEWS HINDI TV, DELHI: कार डैमेज या चोरी हो जाए तो इंश्योरेंस से इसकी भरपाई हो जाती है. मगर इंश्योरेंस कंपनी आपके नुकसान की किस हद तक भरपाई करेगी, ये चीज कैसे तय होगी? जब हम कार इंश्योरेंस लेते हैं तो आपने IDV के बारे में जरूर सुना होगा. पॉलिसी खरीदते समय IDV पर ध्यान देना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसी से तय होता है कि आपको कार की कितनी वैल्यू मिलेगी. IDV का मतलब इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (Insured Declared Value) होता है. यह कार डैमेज या चोरी होने पर आपको ज्यादा से ज्यादा मिलने वाली रकम होती है.


IDV इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि नुकसान या चोरी की स्थिति में आपको कितनी राशि मिलेगी. अगर आप कम IDV चुनते हैं, तो आप इंश्योरेंस कंपनी से कार के नुकसान या चोरी होने की हालत में उचित भरपाई नहीं ले पाएंगे. इससे आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.

IDV कैसे तय होता है?

IDV कई चीजों के आधार पर तय किया जाता है:-

गाड़ी का मॉडल और वेरिएंट: महंगे मॉडलों और वेरिएंट्स का IDV ज्यादा होगा.
गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ईयर: पुराने गाड़ियों का IDV कम होगा.
गाड़ी का IDV: IDV तय करते समय इंजन कैपेसिटी, माइलेज, और दूसरे फीचर्स को भी ध्यान में रखा जाता है.
मार्केट वैल्यू: IDV तय करते समय गाड़ी की मौजूदा मार्केट वैल्यू भी ध्यान में रखी जाता है.

IDV चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें:

IDV चुनते समय अपनी कार की मौजूदा मार्केट वैल्यू को ध्यान में रखें. IDV (Insured Declared Value) को बहुत कम या बहुत ज्यादा नहीं रखना चाहिए. इसके अलावा आपको अपनी जरूरत और बजट पर भी फोकस करना है. जो आपके बजट, जरूरत और मार्केट वैल्यू के अनुसार सही लगे उसी हिसाब IDV को चुनना चाहिए.

कहीं हो ना जाए नुकसान:

अगर आपकी कार को इस तरह का नुकसान पहुंचा है जो रिपेयर होने से ज्यादा है तो आपको कार की IDV के अनुसार रकम मिल जाएगी. अगर आप ज्यादा IDV चुनेंगे तो महंगा प्रीमियम भरना पड़ेगा. वहीं, कम IDV लेने से मुआवजा कम हो जाएगा. इसलिए आपको एक बैलेंस IDV चुननी चाहिए, ताकि फ्यूचर में नुकसान ना उठाना पड़े.