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Delhi Cheapest Dry Fruit Market : Delhi में बसा है 6000 दुकानें वाला एशिया का सबसे बड़ा मसाला और ड्राइफ्रूट बाजार, सस्ते में मिलते है काजू और बादाम

Dry Fruits Market In Delhi : हर रोज़ ड्राई फ्रूट खाना सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। लेकिन बाजार के रेट आपको ड्राई फ्रूट खरीदने से रोक देता है , ऐसे में क्या करे? इसका भी जवाब है हमारे पास, अगर आप सस्ते में ड्राई फ्रुइट्स ख़रीदन चाहते हैं तो इस के लिए आप दिल्ली के खारी बावली जा सकते हैं। आईये इस के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

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Delhi में बसा है 6000 दुकानें वाला एशिया का सबसे बड़ा मसाला और ड्राइफ्रूट बाजार, सस्ते में मिलते है काजू और बादाम

News Hindi TV (नई दिल्ली)। भारतीय भोजन को असली स्वाद देने के लिए (Dry Fruits) यानी सूखे मेवे का इस्तेमाल ज्यादातर व्यंजनों में किया जाता है, चाहे वह बिरयानी, लस्सी, ठंडाई या जलेबी हो। हमारे देश में वास्तव में सूखे मेवे बहुत लोकप्रिय हैं चाहे वह त्योहारों का मौसम हो या अन्य किसी भी शुभ अवसर पर उपहार देने की बात हो। वैसे तो राजधानी दिल्ली में लगभग हर बाजार में ड्राई फ्रूट्स मिलते हैं। लेकिन मांग अधिक होने के कारण दिल्ली में सूखे मेवों को समर्पित एक पूरा बाजार है।

अगर आप (Delhi-NCR) में रहते हैं और बढ़ती महंगाई के बीच कम कीमत पर ड्राई फ्रूट्स खरीदना चाहते हैं तो आपको इसके लिए राजधानी दिल्ली के खारी बावली मार्केट जाना पड़ेगा। खारी बावली एशिया के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक है। चांदनी चौक में मौजूद यह मार्केट सिर्फ ड्राई फ्रूट्स के लिए ही नहीं बल्कि मसाला, दाल और जड़ी-बूटियों के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां आपको किफायती दाम पर दुर्लभ जड़ी-बूटी और ड्राई फ्रूट्स खरीद सकते हैं।

बता दें कि खारी बावली मार्केट में देशी ड्राई फ्रूट्स से लेकर विदेशी ड्राई फ्रूट्स तक आप कम रेट पर खरीद सकते हैं। इस बाजार में (Afghanistan), (America) आदि कई देशों से ड्राई फ्रूट्स लाए जाते हैं। यहां एक लाइन में लगभग हजार से ज्यादा मसाला और ड्राई फ्रूट्स की शॉप हैं। थोक और फुटकर बिक्री को लेकर यहां दिनभर खरीदारों की गहमागहमी रहती है।


उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार अब खारी बावली बाजार का पुनर्विकास (Redevelopment) करेगी। त्योहारी मौसम में सूखे मेवों के बाजार में रौनक छा जाती है। इस बाजार का नाम भले खारी है लेकिन यहां के मेवों की मिठास विदेशों तक है।

खारी बावली नाम क्यों पड़ा


5 हजार से अधिक कारोबारी प्रतिष्ठान वाला यह बाजार ऐतिहासिक पहचान लिए हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, पहले यहां एक बावली होती थी, जिसका पानी खारा होता था। इसलिए इस बाजार का नाम खारी बावली पड़ा। थोक बाजार होने के चलते कीमत दूसरे बाजारों के मुकाबले काफी कम रहती है। इसलिए यह बाजार खरीदारों के बीच लोकप्रिय है।


अन्य जरूरी जानकारी-

निकटम मेट्रो स्टेशन - चांदनी चौक
बाजार के खुलने का समय - सुबह 10 बजे से लेकर रात 9 बजे तक।
यहां आप कभी भी मसाला, दाल या ड्राई फ्रूट्स खरीदने के लिए जा सकते हैं।