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हाईकोर्ट के जजों को नहीं मिली सैलरी, थक हारकर खटखटाया Supreme Court का दरवाजा

High Court : कर्मचारियों को सैलरी न मिलने के मामले तो आपने बहुत देखे होंगे लेकिन हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें हाईकोर्ट के जज को सैलरी न मिलने पर वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि प्रमोशन के बाद से उन्हें वेतन नहीं मिला है। चलिए जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से.
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हाईकोर्ट के जजों को नहीं मिली सैलरी, थक हारकर खटखटाया Supreme Court का दरवाजा

NEWS HINDI TV, DELHI: अपने वेतन के लिए भटकने वाले सरकारी कर्मचारियों को आपने बहुत देखा होगा, मगर अब ताजा मामला पटना हाईकोर्ट ( Patna High Court ) के एक जज का है। जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट ( supreme court ) में याचिका दायर कर दावा किया कि प्रमोशन के बाद से उन्हें वेतन नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट भी पटना हाईकोर्ट के मौजूदा जज, जस्टिस रुद्र प्रकाश मिश्रा ( justice rudra prakash mishra ) की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है।


इसमें सामान्य भविष्य निधि ( GPF ) खाता खोलने और अपना वेतन जारी करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ( CJI DY Chandrachud ), न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन जजों की पीठ ने केंद्र सरकार और बिहार की राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है।

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से मांगा जवाब-


‘बार एंड बेंच’( Bar and Bench ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट( Supreme Court Decision ) ने इस पूरे मामले में पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से भी जवाब मांगा है। पटना हाईकोर्ट के जज रुद्र प्रकाश मिश्रा की ओर से पेश हुए वकील प्रेम प्रकाश ने अंतरिम राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट( supreme court judgement ) पर जोर डाला। हालाकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया लेकिन कहा कि वह मामले की सुनवाई करेगा।


मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की गई है। अपने मामले में जस्टिस मिश्रा ने तर्क दिया है कि नवंबर 2023 में उच्च न्यायिक सेवाओं से हाईकोर्ट में उनके प्रमोशन के बाद से सभी जरूरी दस्तावेज पूरे करने के बावजूद उन्हें अभी तक जीपीएफ खाता आवंटित नहीं किया गया है।


पटना हाईकोर्ट में यह पहला मामला नहीं-


उनकी याचिका में यह कहा गया था कि जीपीएफ लाभ से वंचित होने के कारण याचिकाकर्ता को अपने प्रमोशन के बाद से अपना वेतन नहीं मिला है, और इससे अत्यधिक मानसिक और वित्तीय अस्थिरता पैदा हुई है। अपनी याचिका में जस्टिस मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट( supreme court of india ) से उनको वेतन और जीपीएफ अकाउंट तत्काल दिए जाने का आदेश देने का अनुरोध किया। गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट में इस तरह का यह पहला मामला नहीं है।