High Court : क्या सजा मिलने पर किसी सरकारी कर्मचारी की चली जाएगी नौकरी, जान लें हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
NEWS HINDI TV, DELHI: इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने एक मामले में सुनवाई करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने फैसले के वक्त स्पष्ट किया है कि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ किसी मामले में सजा हो जाने के बाद भी उसे उसके पद से बर्खास्त नहीं किया जा सकता है. अगर ऐसा करना भी हो तो इसके लिए विभागीय जांच बहुत जरूरी है, बिना विभागीय जांच के इस तरह की कार्यवाही नहीं की जा सकती है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को अनुच्छेद 311(2) के तहत किसी सरकारी सेवक को न तो बर्खास्त किया जा सकता है न ही उसकी रैंक कम की जा सकती है. हाई कोर्ट (High Court) ने अपने फैसले में इस टिप्पणी को करते हुए कानपुर देहात के सरकारी स्कूल के एक सहायक टीचर की बर्खास्तगी को अवैध बताते हुए रद्द किया है.
दरअसल सहायक अध्यापक को दहेज हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा मिली थी. सजा सुनाए जाने के बाद बीएसए ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया था. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने अनुच्छेद 311 (2) दो महीने में नए सिरे से आदेश पारित करने के लिए निर्देश दिए हैं. इस पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस मंजीव शुक्ल कर रहे थे. उन्होंने याचिकाकर्ता मनोज कटियार की याचिका पर पर यह फैसला सुनाया है. फैसले के वक्त कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की बहाली नए आदेश पर निर्भर करेगी.
क्या है मामला-
दरअसल 1999 में याचिकाकर्ता की नियुक्ति प्राइमरी स्कूल में सहायक टीचर के पर पर हुई थी. इसके बाद 2017 में उनका प्रमोशन भी हुआ था. इसी बीच उनके ऊपर दहेज हत्या का केस लगा. 2009 में दर्ज हुए केस के बाद सत्र न्यायालय ने उन्हें दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. सजा सुनाए जाने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया.