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indian railways: ट्रेन में कुल इतने तरह के होते है हॉर्न , हर किसी का अलग है मतलब

indian railway news : ट्रेन का हॉर्न तो हम सब जानते हैं पर क्या आप ये जानते हैं के ट्रेन में कुल कितने तरह के हॉर्न होते हैं और हरेक हॉर्न का क्या मतलब होता है, आज हम आपको इसके बारे में बताने जा रहे हैं | 
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indian railways:  ट्रेन में कुल इतने तरह के होते है हॉर्न , हर किसी का अलग है मतलब

NEWS HINDI TV, DELHI : ट्रेन का हॉर्न किसने नहीं सुना होगा। रेलवे स्टेशन से लेकर पटरी पर दौड़ते समय भी ट्रेन हॉर्न देती है। वैसे तो किसी भी गाड़ी के हॉर्न देने का मकसद सामने खड़े लोगों को सतर्क करना होता है, ताकि वह ये समझ जाएं कि गाड़ी आ रही है। लेकिन जब बात ट्रेन की आती है तो हॉर्न के मायने सिर्फ लोगों को सतर्क करने तक सीमित नहीं रहते। क्या आपने कभी गौर किया है कि ट्रेन 11 तरीकों से हॉर्न देती है? आपको जानकर हैरानी होगी कि हर हॉर्न का मतलब अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं किस तरह के हॉर्न का क्या होता है मतलब।
 

एक छोटा हॉर्न
 

अगर ट्रेन एक छोटा हॉर्न देती है तो इसका मतलब है कि ट्रेन यार्ड में धुलाई और सफाई के लिए जाने को तैयार है जहां से वह अपनी अगली यात्रा पर रवाना होगी। ट्रेन को भी अन्य गाड़ियों की तरह समय-समय पर धुलाई और सफाई की जरूरत होती है। कोरोना काल में तो सफाई का ध्यान रखना और भी जरूरी हो गया है। ऐसे में ट्रेन एक छोटा हॉर्न देकर बताती है कि वह धुलाई-सफाई के लिए तैयार है।

दो छोटे हॉर्न
 

कई बार आपने ट्रेन को दो छोटे हॉर्न देते भी सुना होगा। मन में ये ख्याल जरूर आया होगा कि इस तरह हॉर्न क्यों बजाया जा रहा है। ट्रेन के दो छोटे हॉर्न देने का मतलब होता है कि ट्रेन यात्रा के लिए तैयार है। मोटरमैन इसके जरिए गार्ड को संकेत देता है कि वह ट्रेन को यात्रा शुरू करने के लिए रेलवे सिग्नल दे। इसके बाद गार्ड सिग्नल देता है और फिर ट्रेन अपने डेस्टिनेशन की ओर रवाना हो जाती है।
 

तीन छोटे हॉर्न
 

ऐसा बहुत ही कम होता है जब लोको पायलट तीन छोटे हॉर्न का उपयोग करता है। इसका मतलब होता है कि लोको पायलट का ट्रेन से कंट्रोल खत्म हो गया है और गार्ड वैक्यूम ब्रेक को तुरंत खींचे। यानी तीन छोटे हॉर्न एक तरह से आपात स्थिति का संकेत होते हैं। ऐसी स्थिति में अगर सिग्नल या नेटवर्क की समस्या के चलते लोको पायलट गार्ड से बात नहीं कर पाएगा तो दुर्घटना हो सकती है, इसलिए ट्रेन के तीन छोटे हॉर्न से संकेत दिया जाता है।
 

चार छोटे हॉर्न
 

वैसे तो ट्रेन को आपने शायद ही कभी चार छोटे हॉर्न देते सुना होगा, लेकिन इसका मतलब होता है कि ट्रेन में तकनीकी खराबी आ गई है और वह ट्रेन आगे नहीं जाएगी। इस तरह लोको पायलट ना सिर्फ गार्ड और इंजीनियर्स को ट्रेन में तकनीकी खराबी की सूचना देता है, बल्कि यात्रियों को भी चार छोटे हॉर्न देकर ट्रेन के आगे नहीं जाने की सूचना दी जाती है और वहां से आगे के लिए किसी दूसरी ट्रेन का इंतजाम किया जाता है।
 

एक लंबा और एक छोटा हॉर्न
 

ट्रेन कई बार छोटे और लंबे हॉर्न के कॉम्बिनेशन का भी इस्तेमाल करती है। अगर ट्रेन एक लंबा और एक छोटा हॉर्न दे तो इसका मतलब होता है कि लोकोपायलट इंजन को शुरू करने से पहले गार्ड को ब्रेक पाइप सिस्टम सेट करने के लिए सिग्नल दे रहा है। अगर आपको भी कभी कोई ट्रेन एक लंबा और एक छोटा हॉर्न देते सुनाई दे तो समझ जाएं कि यह हॉर्न गार्ड के लिए संकेत है।

दो लंबे और दो छोटे हॉर्न
 

ऐसे भी कई मौके हैं जब ट्रेन दो लंबे और दो छोटे हॉर्न देती है। अगर आपको कभी ट्रेन दो लंबे और दो छोटे हॉर्न देती सुनाई दे तो समझ जाइए कि इसका मतलब है लोको पायलट गार्ड को इंजन का कंट्रोल लेने के लिए संकेत दे रहा है। यानी ट्रेन की तरफ से इस तरह से दिए गए हॉर्न का मतलब सीधे गार्ड को संकेत देना होता है। ट्रेन और भी कई तरह के कॉम्बिनेशन में हॉर्न देती है।
 

लगातार बजने वाला हॉर्न
 

ट्रेन सिर्फ छोटे-बड़े और रुक-रुक कर हॉर्न ही नहीं देती है,बल्कि लंबे हॉर्न भी देती है। जब भी कोई ट्रेन लगातार हॉर्न दे तो इसका मतलब मतलब होता है कि ट्रेन स्टेशन पर रुकेगी नहीं। ट्रेन का लंबा हॉर्न देना यात्रियों के लिए संकेत होता है ताकि वो जान सकें कि ट्रेन इस स्टेशन पर रुकेगी नहीं। तो अगर आपको भी रेलवे स्टेशन पर आती ट्रेन लंबा हॉर्न दे तो समझ लीजिए कि ट्रेन स्टेशन पर रुकेगी।

दो बार रुककर हॉर्न
 

अगर आपको ट्रेन दो बार रुककर हॉर्न दे तो समझ जाइए कि ट्रेन सतर्क होने का संकेत दे रही है। ये हॉर्न रेलवे क्रॉसिंग के पास बजाया जाता है, ताकि वहां खड़े लोगों को संकेत मिले और वो रेलवे लाइन से दूर हट जाएं। रेलवे क्रॉसिंग पर अक्सर लोग ट्रेन की अनदेखी करते हैं, जिससे कई बार दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। ऐसे में अगर आपको दो बार रुककर ट्रेन हॉर्न सुनाई दे तो समझ जाएं कि वह आपको सतर्क करने के लिए है।
 

दो लंबे और एक छोटा हॉर्न
 

क्या आपको पता है कि ट्रेन ट्रैक बदलने से पहले भी हॉर्न देती है। जब भी ट्रेन ट्रैक बदलती है तो वह दो लंबे और एक छोटा हॉर्न देती है। तो अगली बार आप ट्रेन के अंदर बैठे हों और ट्रेन दो लंबे और एक छोटा हॉर्न दे तो तुरंत समझ जाइए कि ट्रेन ट्रैक बदल रही है। वहीं अगर सिर्फ हॉर्न सुनकर आप अपने आस-पास वालों से कहेंगे कि ट्रेन ट्रैक बदल रही है या बदलने वाली है तो एकबार के लिए वह थोड़े हैरान भी हो जाएंगे कि आपको कैसे पता।

दो छोटे और एक लंबा हॉर्न
 

ट्रेन में एक खास व्यवस्था होती है, चेन खींचने की। अगर आपके कोच में कुछ भी गड़बड़ हो, किसी की तबियत खराब हो जाए, चोर घुस जाए, मारपीट जैसे हालात बन जाएं या फिर कोई भी समस्या हो जाए तो आप चेन खींच सकते हैं। कुछ ही देर में आपके पास मदद पहुंच जाएगी और ट्रेन रुक जाएगी। जब भी चेन खींची जाती है तो ट्रेन दो छोटे और एक लंबा हॉर्न देकर इसका संकेत देती है। इतना ही नहीं, जब कभी गार्ड वैक्यूम ब्रेक खींचता है तो भी ट्रेन दो छोटे और एक लंबा हॉर्न देती है।

6 बार छोटे हॉर्न
 

अगर ट्रेन 6 बार छोटे हॉर्न दे तो आप ट्रेन के अंदर हों या बाहर, सतर्क हो जाइए। ट्रेन के 6 बार छोटे हॉर्न का मतलब होता है कि ट्रेन किसी बड़े खतरे में फंस गई है। यह खतरा क्या है इसका पता तो लोको पायलट को ही होता है, लेकिन वह लोगों को सतर्क जरूर कर देता है। कोई नौसिखिया चोर-बदमाश ट्रेन में घुस जाए और लोको पायलट को पता चल जाए तो वह 6 बार छोटे हॉर्न देकर मदद बुला लेगा और सबको सचेत भी कर देगा। वहीं अगर ट्रेन के दुर्घटनाग्रस्त होने का कोई खतरा होता है तो भी वह 6 बार छोटे हॉर्न देकर सबको सचेत कर देगा।