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Jyoti Maurya Case : SDM नहीं हैं ज्योति मौर्य, जानिए क्या है असली पोस्ट

SDM Jyoti Maurya news : इन दिनों लोग ज्योति मौर्य को SDM ज्योति मौर्य के नाम से जानते हैं पर हम आपको बता दें की SDM इनकी असली पोस्ट नहीं है, ब्लल्कि SDM इनके नाम के साथ जुड़ गया, कैसे हुआ ये, आइये जानते हैं
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Jyoti Maurya Case : SDM नहीं हैं ज्योति मौर्य, जानिए क्या है असली पोस्ट

NEWS HINDI TV, DELHI : पिछले करीब महीनेभर से ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य खबरों की सुर्खियों में हैं. खासकर सोशल मीडिया पर इनके वीडियो वायरल हो रहे हैं. हालांकि मामला कोर्ट में भी चल रहा है, और ज्योति मौर्य (Jyoti Maurya) का कहना है कि उन्हें इस बारे में पब्लिकली कुछ कहने की जरूरत नहीं है, वो अपना पक्ष अदालत में रखेंगी.


दरअसल, सबसे पहले सोशल मीडिया पर आलोक मौर्य (Alok Maurya)  के वीडियो सामने आए. जिसमें वे कह रहे हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी ज्योति मौर्य को पढ़ा-लिखाकर SDM बना दिया. लेकिन अब पत्नी उन्हें ठुकराने पर आतुर है. आलोक का रोता-बिलखता चेहरा देखकर लोग कहने लगे कि इसके साथ गलत हुआ. क्योंकि आलोक मौर्य पंचायत राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी (सफाई कर्मचारी) के होते हुए भी अपनी पत्नी को शादी के बाद पढ़ाया और उसका खर्चा उठाया. जिसके बाद सबकी जुबां पर एक ही बात आ गई कि SDM ज्योति मौर्य ने सही नहीं किया. हालांकि ये विवाद पति-पत्नी के बीच का है, और दोनों के अपने-अपने तर्क हैं. कौन गलत है और कौन सही, इसका फैसला सोशल मीडिया पर नहीं हो सकता. दोनों को अपने तरीके से जिंदगी जीने की आजादी है.

पति-पत्नी के बीच का विवाद  


 कहा जा रहा है कि इन दोनों पति-पत्नी के बीच विवाद का असली वजह पद है. पत्नी उत्तर प्रदेश में ग्रेड-A की अफसर हैं, जबकि पति सफाई कर्मचारी हैं. जिस वजह दोनों में दूरियां बढ़ गईं, और अब साथ रहा मुश्किल हो रहा है. पत्नी ज्योति मौर्य ने तलाक की भी अर्जी अदालत में लगाई है, दूसरी ओर पति आलोक जगह-जगह गुहार लगा रहा है, उसके साथ बहुत गलत हुआ, ज्योति ने उन्हें धोखा दिया है.


फिलहाल हर जगह ये लिखा जा रहा है और कहा भी जा रहा है कि ज्योति मौर्य SDM पद पर हैं, जो तकनीकी तौर पर सही नहीं है. फिलहाल ज्योति मौर्य का सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) नहीं हैं. सवाल उठ रहा है कि फिर वो किस पद पर हैं? मौजूदा समय में PCS अधिकारी ज्योति मौर्य बरेली चीनी मिल में बतौर जनरल मैनेजर (GM) कार्यरत हैं. ऐसे में फिलहाल GM ज्योति मौर्य कह सकते हैं. बनारस की रहने वाली ज्योति पीसीएस अधिकारी बनने के बाद कौशांबी, जौनपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़ और लखनऊ में तैनात रहीं. GM और SDM के पद में काफी अंतर होता है. इसलिए ज्योति मौर्य को SDM का कहना गलत होगा. हालांकि जानकारी के मुताबिक साल 2016-17 के दौरान ज्योति मौर्य जौनपुर में SDM पद पर थीं.  


SDM नहीं, तो किस पद पर हैं ज्योति मौर्य?

ऐसे में सवाल उठता है कि ज्योति मौर्य SDM हैं, ये कैसे खबर बनी? कहा जा रहा है कि जब सबसे पहले आलोक मौर्य मीडिया के सामने आए, तो उन्होंने दावा किया कि ज्योति मौर्य को SDM बनने में हरसंभव मदद की, पत्नी को पढ़ाने के लिए कर्ज तक लिया. लेकिन अब SDM बनने के बाद वो धोखा दे रही हैं. यहीं से ज्योति मौर्य के नाम के साथ SDM का पद जुड़ गया. लेकिन सच्चाई ये है कि फिर ज्योति मौर्य SDM पद पर नहीं हैं.

गौरतलब है कि ज्योति मौर्य ने साल 2015 में PCS की परीक्षा में 16वां स्थान हासिल किया था. जो राज्य का ग्रेड-A पद होता है. हालांकि SDM पद के लिए भी राज्य स्तर की सिविल सेवा यानी PCS की ही परीक्षा पास करनी पड़ती है. एसडीएम यानी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट किसी जिले के डीएम यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के नीचे काम करता है.


PCS अधिकारी को सैलरी के साथ-साथ कई प्रकार के भत्ते और सुविधाएं मिलती हैं. सरकारी अवास, सुरक्षा गार्ड, माली और कुक जैसे हाउस हेल्प, एक सरकारी वाहन (सायरन के साथ), एक टेलिफोन कनेक्शन, फ्री बिजली वगैरह. इसके अलावा आधिकारिक यात्राओं के दौरान उच्च श्रेणी का सरकरी आवास और रिटायरमेंट के बाद पेंशन.