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UP के इस शहर में बनेगा लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब, 14 गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण

UP News - एक रिपोर्ट के हवाले से ऐसा कहा जा रहा है कि यूपी के इस शहर में जल्द ही लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब बनेगा। जिसके लिए 14 गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा... 
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UP के इस शहर में बनेगा लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब, 14 गांव की जमीन का होगा अधिग्रहण

NEWS HINDI TV, DELHI : ग्रेटर नोएडा की दो महत्वाकांक्षी परियोजनाओं मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब का रास्ता साफ हो गया है। इन दोनों परियोजनाओं के लिए चार गांवों की 44 हेक्टेयर जमीन पर परिसंपत्तियों की कीमत अदा करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तैयार हो गया है। प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। 


बैठक में सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए 14 गांवों की 478 हेक्टेयर जमीन की दरकार है, जिसमें से 83 हेक्टेयर को छोड़कर शेष जमीन पूर्व में ही प्राप्त कर ली गई है। ये 83 हेक्टेयर जमीन चिटेहरा, कठहेड़ा, बोड़ाकी और पल्ला गांव की है। हाल ही में इस 83 में से 39 हेक्टेयर जमीन और भी प्राप्त हो गई है। शेष 44 हेक्टेयर जमीन में किसानों की परिसंपत्तियां हैं। किसान इन परिसंपत्तियों की कीमत मांग रहे हैं, जिनकी वजह से जमीन नहीं मिल पा रही थी।


लंबे समय से अटका था जमीन का मामला-

प्राधिकरण की सीईओ की पहल पर ये प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया। चार गांवों की 44 हेक्टेयर जमीन में स्थित परिसंपत्तियों की कीमत का आकलन किया गया, जिससे लगभग 66.76 करोड़ रुपये का खर्च प्राधिकरण पर आएगा। किसानों की परिसंपत्तियों के भुगतान पर अब तक निर्णय न हो पाने के कारण इन दोनों परियोजनाओं के लिए जमीन नहीं मिल पा रही थी। लंबे समय से यह मसला अटका हुआ था।


कोई प्रस्ताव पास नहीं हुए-

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ऑनलाइन रखी गई थी। बैठक सिर्फ 15 मिनट में खत्म हो गई। इसके चलते कोई प्रस्ताव पास नहीं हुआ। किसानों के आबादी के भूखंड पर लगी पेनाल्टी को माफ करने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा जाना था।


परियोजना पर एक नजर-

बोड़ाकी के पास प्रस्तावित मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के लिए 14 गांवों, दादरी, जुनपत, चिटेहरा, कठहेड़ा, पल्ला, पाली, बोड़ाकी, थापखेड़ा आदि की जमीन ली जा रही है। 478 हेक्टेयर जमीन पर ये दोनों प्रोजेक्ट विकसित किए जाएंगे।