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New Hit and Run Law: क्या है हिट एंड रन कानून, जिसको लेकर देश भर में ट्रक और बसों का चक्का हुआ जाम, जानिए एक एक बात

New Hit and Run Law: 'हिट एंड रन' से जुड़े मामले में सजा और जुर्माने के नए प्रावधानों को लेकर देशभर में बस और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल का असर कई राज्यों में दिख रहा है, जिससे पेट्रोल पंप पर फ्यूल की कमी से लेकर सब्जियों और फलों के दाम तक बढ़ने की आशंका है। आइए जानते हैं कि ये क्या नया कानून है जिसका विरोध बस और ट्रक ड्राइवर कर रहे हैं।

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New Hit and Run Law: क्या है हिट एंड रन कानून, जिसको लेकर देश भर में ट्रक और बसों का चक्का हुआ जाम, जानिए एक एक बात

NEWS HINDI TV, DELHI : Bus Truck Driver Strike for new Hit and Run Law- केंद्र सरकार( Central government ) ने देश के कानून में एक बड़ा बदलाव करते हुए भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता( Indian Judicial Code ) की मंजूरी दे दी है। ये कुछ ही दिनों में पूरे देश में लागू हो जाएगी। इसमें बहुत सारे मामलों में सजा और जुर्माने के प्रावधान बदल गए हैं।

 


हालांकि, 'हिट एंड रन' से जुड़े मामले में सजा और जुर्माने के नए प्रावधानों को लेकर देशभर में बस और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल का असर मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में दिख रहा है, जिससे पेट्रोल पंप( Petrol pump ) पर फ्यूल की कमी से लेकर सब्जियों और फलों के दाम तक बढ़ने की आशंका है। आइए जानते हैं कि ये क्या नया कानून है जिसका विरोध बस और ट्रक ड्राइवर कर रहे हैं।

 

क्या है नया 'हिट एंड रन' कानून-

सरकार ने हाल ही में भारतीय न्याय संहिता को संसद से मंजूरी दे दी है। आने वाले समय में ये भारतीय दंड संहिता ( IPC ) के प्रावधान को रिप्लेस करेंगे। नए कानून में हिट एंड रन के केस में गलत ड्राइविंग  या लापरवाही के चलते किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और ड्राइवर बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से फरार हो जाता है, तो उसे 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। 


पेट्रोल पंप पर लगी गाड़ियों की कतार-


मोटर चालकों से जुड़े 'हिट-एंड-रन'( New Hit and Run Law ) सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रक चालकों ने लगातार दूसने दिन देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र में प्रदर्शन की वजह से कुछ स्थानों पर ईंधन की कमी की आशंका पैदा हो गई। महाराष्ट्र के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अकील अब्बास ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में कुछ पेट्रोल पंपों पर काम पहले ही बंद हो चुका है। अधिकारियों ने बताया कि सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी 'रास्ता रोको' प्रदर्शन किया गया। 


टैंकर चालकों ने बंद किया काम-


वहीं नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है। नासिक जिले में टैंकर चालकों ने काम बंद कर दिया और एक हजार से अधिक टैंकर पनेवाडी गांव में खड़े कर दिए। पनेवाडी गांव एक ईंधन डिपो है, जहां ये टैंकर खड़े किए गए। नंदगांव तालुका के पनेवाड़ी गांव में भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के ईंधन डिपो हैं साथ ही यहां एलपीजी गैस( LPG Gas ) भरने का भी स्टेशन हैं। इन डिपो से ईंधन राज्य के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाया जाता है। 


ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट( All India Motor Transport ) कांग्रेस कोर कमेटी के चेयरपर्सन मलकीत सिंह ने बताया, ''हम चालकों से शांति बनाए रखने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हैं। हमारा प्राथमिक लक्ष्य निष्पक्ष और उचित समाधान खोजने के लिए अधिकारियों के साथ रचनात्मक बातचीत करना है।'' 

ऐसे चलता रहा तो बंद होंगे पेट्राल पंप-


नासिक जिला पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भूषण भोसले ने कहा, ''अगर आंदोलन बंद नहीं किया गया तो नासिक जिले के कई ईंधन स्टेशन बंद हो जाएंगे क्योंकि वे डीलरों को अपने टैंकर भरने नहीं दे रहे हैं। द्वार बंद कर दिए गए हैं और एक भी टैंकर को ईंधन नहीं ले जाने दिया जा रहा है।' 

वहीं छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने ‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद किया जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सोमवार को हुए विरोध प्रदर्शन में ट्रक चालक भी शामिल थे जिससे सामान ढुलाई प्रभावित हुई। ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के भय से शहरों में पेट्रोल पंप के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। 


‘हिट-एंड-रन’( Hit and Run Law ) मामलों से संबंधित नये कानून के विरोध में ट्रकों और टैंकरों सहित वाणिज्यिक वाहनों के चालकों ने मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम बंद कर दिया। प्रदर्शनकारी चालकों ने मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग और इंदौर में कुछ सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया, जिससे आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाली गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई। 

ड्राइवरों में नए रुल को लेकर भय को माहौल-


बोर्ड ऑफिस चौराहे पर एक प्रदर्शनकारी प्रमोद सिकरवार ने कहा, “नए कानून के अनुसार, हिट-एंड-रन मामलों में 10 साल की जेल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। उन्होंने कहा, ''नया कानून चालकों के हित के खिलाफ है। चालक किसी को मारना नहीं चाहते, लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते हैं। हम मांग करते हैं कि नए कानून में संशोधन किया जाए।'' 

बस स्टैंड पर खड़ी हैं बसें-


इंदौर में विरोध प्रदर्शन के तहत गंगवाल बस स्टैंड पर बसें सड़क पर खड़ी कर दी गईं। इस बीच, विरोध प्रदर्शन( Protest ) से लोगों में दहशत फैल गई। उन्हें डर था कि प्रदर्शन से ईंधन आपूर्ति प्रभावित हो सकती है और वे पेट्रोल पंपों पर कतारों में खड़े हो गए। ग्वालियर में रविवार को सिकरौदा इलाके में कुछ वाहन चालकों ने सड़क जाम कर दी, जिसके बाद पुलिस ने बिलौआ थाने में मामला दर्ज किया। 

गुजरात में भी नाकाबंदी-


गुजरात में भी नए कानून के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने खेड़ा, वलसाड, गिर सोमनाथ, भरूच और मेहसाणा जिलों से गुजरने वाले राजमार्गों पर वाहन खड़े कर नाकेबंदी कर दी। मेहसाणा में मेहसाणा-अंबाजी राजमार्ग और खेड़ा में अहमदाबाद-इंदौर राजमार्ग कुछ समय के लिए अवरुद्ध हो गए क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मुख्य मार्गों पर जलते हुए टायर रख दिए। अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और रास्ता खुलवाया। 

हरियाणा( Haryana ) के जींद में भी 'हिट एंड रन' मामलों पर ट्रक चालकों का गुस्सा फूटा और सोमवार को निजी बसों और ट्रक चालकों ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की। विरोध प्रदर्शन के दौरान 300 से ज्यादा ट्रकों ने सेवा बंद कर दी। इस बीच चालकों ने आल ड्राइवर कल्याण संघ के आह्वान पर उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन किया और अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर इस बिल को वापस लिए जाने की मांग की। 

बस और ट्रक चालकों ने किया चक्काजाम-


वहीं उत्तर प्रदेश के आगरा में नववर्ष के पहले दिन ही रोडवेज बस और ट्रक चालकों ने चक्का जाम कर दिया। चालक नये कानून में चालकों को सजा और जुर्माने के प्रावधान का विरोध कर रहे थे। चालकों ने आईएसबीटी, ईदगाह, बिजलीघर बस स्टैंड पर रोडवेज बसों को खड़ा कर दिया। उनकी मांग है कि सरकार को कानून में संशोधन करना चाहिये।