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Nitin Gadkari : सरकार का बड़ा प्लान, हाईवे पर दिखेंगी सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि वह आर्थिक रूप से व्यवहार्य इलेक्ट्रिक राजमार्गों के विकास पर उद्योग जगत के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होने कहा कि इसके लिए हमारी प्रतिभा और ज्ञान का लाभ उठाया जा सकता है। आइए जानते है इसके बारे में पूरी जानकारी।
 
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Nitin Gadkari : सरकार का बड़ा प्लान, हाईवे पर दिखेंगी सिर्फ इलेक्ट्रिक गाड़ियां

NEWS HINDI TV, DELHI : देश में लगातार हो रहे सड़कों के विकास के बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने सीआईआई के एक कार्यक्रम में इलेक्ट्रिक राजमार्गों के विकास को लेकर बड़ी बात कही है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह किफायती इलेक्ट्रिक राजमार्गों को डेवलप करने के लिए देश के उद्योग जगत के साथ चर्चा कर रहे हैं। क्या है उनका प्लान, आइए जानते हैं।

 

 


क्या है गडकरी का प्लान


केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि वह आर्थिक रूप से व्यवहार्य इलेक्ट्रिक राजमार्गों के विकास पर उद्योग जगत के साथ चर्चा कर रहे हैं। उन्होने कहा जिस तरह से हमारे शहरों का विकास हो रहा है, हमें अपने शहरी कानूनों में भी सुधार करने की आवश्यकता है।

साथ ही ये शहर और यह यातायात भीड़ और प्रदूषण समाज के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। बेंगलुरु जैसे शहर में भी इस मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। गडकरी ने यहां सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि बेंगलुरु के लोग अपने ऑफिस जाने के लिए भी 2 घंटे तक जाम में फंसे रहते हैं।

बनने चाहिए टिकाऊ बिजनेस मॉडल


 

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि बड़े कॉरपोरेट्स को आगे आने और टिकाऊ बिजनेस मॉडल बनाने की जरूरत है। उन्होने आगे कहा कि कल मेरी टाटा और अन्य कंपनियों के साथ चर्चा हुई कि हम आर्थिक रूप से व्यवहार्य इलेक्ट्रिक हाईवे कैसे बना सकते हैं।

सर्कुलर इकॉनमी पर जोर देने की जरूरत


केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि पानी, इथेनॉल आदि से हाइड्रोजन बनाना संभव है। उन्होने कहा कि इसके लिए हमारी प्रतिभा और ज्ञान का लाभ उठाया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सर्कुलर इकॉनमी को अपनाने से मैनुफैक्चरिंग कॉस्ट में काफी कमी आ सकती है।
साथ ही आयात भी कम हो सकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कॉपर, एल्युमिनियम जैसी धातुओं को रिसााइकल करके ऑटो कंपोनेंट निर्माण लागत में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आ सकती है।