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देशभर में One Vehicle और One Fastag हुआ लागू, जानें इससे क्या होगा असर?

One Vehicle, One Fastag : आपको बता दें कि हाल ही में मिली एक रिपोर्ट के अनुसार यह जानकारी मिली हैं कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) की ओर से देशभर में वन व्हीकल और वन फास्टैग लागू कर दिया गया है। आखिर इससे क्या असर होगा। जानिए इससे जुड़ी पूरी जानकारी नीचें खबर में...
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देशभर में One Vehicle और One Fastag हुआ लागू, जानें इससे क्या होगा असर?

NEWS HINDI TV, DELHI: भारत में नेशनल हाइवे और एक्‍सप्रेसवे पर टोल टैक्‍स (Toll tax on national highways and expressways) लेने के साथ ही इनको बनाने वाली संस्‍था NHAI की ओर से एक अप्रैल 2024 से One Vehicle, One FASTag को लागू कर दिया गया है। हम इस खबर में आपको बता रहे हैं कि One Vehicle, One FASTag को लागू करने के बाद क्‍या असर होगा।

लागू हुआ One Vehicle, One FASTag-

नेशनल हाइवे अथारिटी ऑफ इंडिया (National Highway Authority of India) की ओर से जानकारी दी गई है कि पूरे देश में एक वाहन, एक फास्‍टैग को लागू कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य के स्वामित्व वाले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का उद्देश्‍य 'एक वाहन, एक फास्टैग' ('One vehicle, one Fastag') के जरिए सिर्फ एक फास्टैग के उपयोग को बढ़ावा देना है।

एक से ज्‍यादा फास्‍टैग का नहीं कर पाएंगे उपयोग-

अधिकारी ने बताया कि एक से ज्‍यादा फास्टैग (FASTag) अब काम नहीं करेंगे। उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों के पास एक वाहन के लिए कई फास्टैग (FASTag) हैं, वे अब से उन सभी का उपयोग नहीं कर पाएंगे।

बढ़ाई थी समयसीमा-

Paytm FASTag उपयोगकर्ताओं की समस्याओं को देखते हुए NHAI ने 'एक वाहन, एक FASTag' पहल अनुपालन की समय सीमा मार्च के अंत तक बढ़ा दी थी। लेकिन आज से नए वित्‍त वर्ष की शुरूआत होने के साथ ही एनएचएआई की ओर से इसे भी लागू कर दिया गया है। पिछले महीने, भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (Paytm Payments Bank Limited) के ग्राहकों और व्यापारियों को 15 मार्च तक अपने खाते दूसरे बैंकों में स्थानांतरित करने की सलाह दी थी।

आठ करोड़ से ज्‍यादा हैं यूजर्स-

FASTag के जरिए देशभर के नेशनल हाइवे और एक्‍सप्रेसवे पर टोल टैक्‍स लिया जाता है। इस संग्रह प्रणाली को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) की ओर से संचालित किया जाता है। मौजूदा समय में देशभर में करीब आठ करोड़ से ज्‍यादा इसके यूजर्स हैं। यह सीधे टोल मालिक से जुड़े प्रीपेड या बचत खाते से टोल भुगतान करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक का उपयोग करता है।