रेलवे मंत्री ने किया खुलासा, इस दिन से चलेगी 320 KMPH की स्पीड वाली Bullet train
News hindi TV, Delhi : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार दोपहर अपनी मुंबई यात्रा के दौरान घोषणा की कि बिलिमोरा से सूरत तक मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल (Mumbai-Ahmedabad High-Speed Rail) का पहला सेक्शन 2026 तक तैयार हो जाएगा। इसके पूरा होने पर बिलिमोरा-सूरत मार्ग पर शिंकानसेन ट्रेनों की E5 सीरीज का उपयोग करके ट्रायल किया जाएगा। गुजरात में 250 किलोमीटर से अधिक के गिर्डर्स पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं।
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सुरंग खोदने का काम शुरू
वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने विक्रोली शाफ्ट पर सुरंग खोदने के काम के लिए पहले रिमोट-कंट्रोलिंग ब्लास्ट किया, जो सुरंग खोदने के काम की शुरुआत का प्रतीक था। हालांकि, इस दौरान वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) 508 किलोमीटर रूट को पूरा करने के लिए एक निश्चित समयसीमा प्रदान करने से परहेज करते दिखे। उन्होंने (Ashwini Vaishnaw) उल्लेख किया कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना को पिछली उद्धव ठाकरे सरकार के हस्तक्षेप के कारण देरी का सामना करना पड़ा। वैष्णव ने टिप्पणी की, "अगर उद्धव ठाकरे सरकार ने इस परियोजना को नहीं रोका होता, तो अब तक महाराष्ट्र में बहुत सारा काम पूरा हो चुका होता।"
विक्रोली में होगा अंडरग्राउंड सुरंग का सबसे गहरा स्ट्रैच
इस बीच, मुंबई में रेलवे ने 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने के लिए चार स्थानों पर जमीन में गहराई तक खुदाई शुरू कर दिया है। वर्तमान में विक्रोली, ठाणे, घनसोली के पास सावली में काम चल रहा है, जो सभी अंडरग्राउंड रेल सुरंग के एंट्री पॉइंंट हैं। 56 मीटर अंडरग्राउंड सुरंग का सबसे गहरा स्ट्रैच विक्रोली में होगा, जिसके लिए गोदरेज एंड बॉयस द्वारा फरवरी 2023 में नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) को जमीन सौंप दी गई थी।
हालांकि, सुरंग पर असली काम एक साल बाद ही शुरू होगा जब एंट्री पॉइंंट तैयार हो जाएंगे और सुरंग बोरिंग मशीनें (टीबीएम) लाई जाएंगी। एनएचएसआरसीएल के सूत्रों ने कहा कि 100% पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है और फिलहाल विक्रोली में खुदाई का काम चल रहा है। शाफ्ट का उपयोग दो सुरंग बोरिंग मशीनों को दो अलग-अलग दिशाओं में - बीकेसी और घनसोली की ओर नीचे करने के लिए किया जाएगा।
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508 किलोमीटर लंबे रूट पर 12 स्टेशन
रेल मंत्रालय (Ashwini Vaishnaw) के अनुसार, मुंबई-अहमदाबाद मार्ग भारत की एकमात्र स्वीकृत हाई-स्पीड रेल परियोजना है, जिसे पूरा करने में जापान की सरकार सहायता कर रही है। परिचालन योजना में बताया गया है कि कॉरिडोर पर हाई-स्पीड ट्रेनें 320 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ेगी और 508 किलोमीटर के रूट पर 12 स्टेशनों पर रुकेंगी।
मंत्रालय प्रत्येक दिशा में प्रतिदिन 35 ट्रेनों की योजना बना रहा है, जो पीक आवर के दौरान हर 20 मिनट पर और गैर-पीक आवर के दौरान हर 30 मिनट पर चलेंगी। सीमित स्टॉप (सूरत और वडोदरा में) के साथ यात्रा में एक घंटा 58 मिनट और सभी स्टॉप के साथ दो घंटे 57 मिनट का समय लगेगा। MAHSR कॉरिडोर के लिए ऑपरेशनल कंट्रोल सेंटर साबरमती में स्थित होगा।