SDM ज्योति मौर्या जाँच कमेटी के सामने हुई पेश, पति को लेकर दिया ये बडा बयान
NEWS HINDI TV, DELHI: एसडीएम ज्योति मौर्या और पति आलोक मौर्य (SDM Jyoti Maurya and Alok Maurya) बीते कई दिनों से चर्चा में हैं. पति आलोक ने पीसीएस ऑफिसर पर कई आरोप लगाए हैं. इसी क्रम में मंगलवार की शाम को ज्योति मौर्या जांच कमेटी के सामने पेश हुईं. उन्होंने पति द्वारा लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. इसके साथ ही पैसों के लेनदेन वाली डायरी को लेकर भी ज्योति मौर्य ने अनभिज्ञता जताई.
जांच कमेटी से ज्योति और आलोक मौर्य ने मांगा समय:
एसडीएम ज्योति मौर्या ने कहा कि न तो डायरी उनकी है और न ही उनकी हैंड राइटिंग है. उन्होंने जांच कमेटी के सामने कहा कि उनपर पेशबंदी के लिए आरोप लगाए गए हैं. इसके साथ ही अपना बयान दर्ज कराने के लिए जांच कमेटी से समय मांगा. इस पर जांच कमेटी ने बयान के लिए इसी सप्ताह में उनसे दिन और समय तय करने को कहा. वहीं, एसडीएम ज्योति के पति आलोक मौर्य भी जांच कमेटी के सामने पेश हुए. जांच कमेटी ने आरोपों को लेकर आलोक मौर्य से साक्ष्य भी मांगे. इस पर आलोक ने साक्ष्य देने के लिए दो दिन का समय मांगा है. उन्होंने साक्ष्य और बयान से संबंधित बिंदुओं को नोट किया.
आरोपों की पुष्टि होने के बाद बढ़ेगी जांच :
जानकारी के मुताबिक, ज्योति का बयान महिला मजिस्ट्रेट के सामने वीडियोग्राफी के बीच दर्ज कराया जाएगा. जांच कमेटी के सोर्सेज के मुताबिक, आरोपों की पुष्टि होने के बाद ही जांच आगे बढ़ेगी. गौरतलब है कि पीसीएस ज्योति मौर्या के पति आलोक ने उनपर करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. पीसीएस बनने के बाद कई मकान, फ्लैट और प्लॉट खरीदने का आरोप लगाया है. शासन से शिकायत के बाद मंडलायुक्त प्रयागराज विजय विश्वाश पंत को जांच सौंपी गई है.
ज्योति मौर्या का हो सकता है सस्पेंशन:
बता दें कि ज्योति मौर्या की तैनाती साल 2019 से 2021 के बीच कौशांबी के चायल तहसील में की गई. अधिकारी की कथित डायरी में इस समयावधि में भ्रष्टाचार से मिले रुपयों का लेखाजोखा है. जिसके मुताबिक, अक्टूबर 2021 में ही केवल एक महीने में ज्योति ने 6.4 लाख रुपये कमाए. यह कमाई अवैध है. डायरी के मुताबिक, हर महीने 15 हजार रुपये सप्लाई इंस्पेक्टर व 16 हजार मार्केटिंग इंस्पेक्टर देते थे. कहां कितने रुपये मिले और खर्च हुए इसका भी डायरी के हर पेज पर हिसाब-किताब है. आलोक मौर्य द्वारा लगाए गए आरोप अगर साबित हुए तो उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है. इसके साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी कराई जा सकती है.