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Supreme Court ने बताया- पत्नी की प्रोपर्टी में पति का कितना हक, हो गया सबकुछ साफ

Rights In Wife's Property : प्रोपर्टी पर बहस होना आजकल आम हो गया है। अकसर लोगो को प्रोपर्टी से जुड़ी जानकारी का अभाव रहता है जो बाद में विवाद का कारण बनता है। ऐसे में आपको प्रोपर्टी से जुड़े सभी नियम और कानूनों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए ताकि बाद में दिक्कत ना हो। आज की इस खबर में हम आपको बताने जा रहे है सुप्रीम कोर्ट के एक फैसलें के बारे में जिसमें बताया गया है की पत्नी की प्रोपर्टी में पति का कितना हक होता है। 
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Supreme Court ने बताया- पत्नी की प्रोपर्टी में पति का कितना हक, हो गया सबकुछ साफ

News Hindi Tv :(Supreme Court Decision) आजकल अदालतों में घरेलू विवादों के केस आम हो गए हैं। इनमें से अधिकतर मामले प्रॉपर्टी से जुड़े होते है। इनका मुख्य कारण है लोगो को प्रॉपर्टी से जुड़े कानूनी प्रावधानों  की जानकारी का न होना। खासकर महिलाओं को इनकी बेहद कम जानकारी होती है। इस कारण विवाद ज्यादा बढ़ जाते हैं। पति-पत्नी के बीच विवाद के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला (property dispute in husband and wife) सुनाया है। जिसमें बताया गया है की पत्नी की संपत्ति में पति का कितना हक होता है। आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से।


सुप्रीम कोर्ट ने पति-पत्नी के बीच विवाद (husband's property in wife's property)के एक केस में केरल हाईकोर्ट के फैसले को नकारते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्त्रीधन महिला की पूर्ण संपत्ति है, जिसे वो अपनी मनमर्जी से खर्च कर सकती है। पत्नी की इस प्रॉपर्टी (wife's property)में पति का कोई हक नहीं होता। 


सुप्रीम कोर्ट के अनुसार पति संकट काल में पत्नी की इस प्रॉपर्टी का उपयोग कर सकता है, लेकिन उसे इसका मूल्य भी लौटाना होगा। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 (husband's property in wife's property) के तहत पति को अपनी पत्नी के आभूषण छीनने पर 25 लाख रुपये की आर्थिक भरपाई करने का आदेश दिया है।

 

 

केरल हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद्द(Supreme Court decision on Husband Property Distribution )


इस समय पर महिला की उम्र करीब 50 वर्ष है, उसकी शादी 21 साल पहले हुई थी। बढ़ती महंगाई से जीवन यापन के लिए बढ़े खर्चों को ध्यान में रखकर महिला को क्षतिपूर्ति किए जाने का आदेश दिया। शुरू में यह मामला फैमिली कोर्ट पहुंचा था और उसके बाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। 


इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court)के 2022 में दिए गए उस फैसले को भी रद्द कर दिया, जिसमें हाईकोर्ट ने तलाक मंजूर करते हुए पति और सास से महिला को (patni ki property me pati ka hak)सोने की कीमत के रूप में करीब 9 लाख रुपये वसूलने के फैमिली कोर्ट के एक आदेश को रद्द कर दिया था।
 

केरल हाईकोर्ट इस आदेश को भी सुप्रीम कोर्ट ने नकारा


इस मामले में केरल हाईकोर्ट (Kerala News) का तर्क था कि यह विश्वसनीय ही नहीं है कि एक नवविवाहित महिला से शादी की पहली रात ही सोने के सभी आभूषण छीने जा सकते हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने कहा कि लालच मनुष्यों को घृणित अपराध करने के लिए भी प्रेरित करता है। इसलिए लगाए गए आरोप के अनुसार यह नहीं कहा जा सकता कि शादी की पहली रात गहने छीनना विश्वसनीय नहीं है।


पत्नी ने किया था ये दावा


इस मामले के अनुसार पत्नी ने दावा किया था कि 2003 में शादी की पहली रात पति ने उसके गहने ले लिए थे। इन सभी गहनों को सुरक्षित रखने की बात कहकर पति ने अपनी मां को रखने के लिए दे दिए। पति-पत्नी का आपसी रिश्ता शादी के तीन साल बाद ही खत्म हो गया था। 
इस मामले में केरल हाईकोर्ट(Kerala high court)ने वर्ष 2009 में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए महिला की ओर से सद्भावना की कमी को जिम्मेदार ठहराया गया था। वहीं इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए पत्नी (patni ke gahno me pati ka kitna hak hota hai)को आर्थिक क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया।