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UP News : यूपी सरकार ने दिया अपडेट, इस नई पॉलिसी के तहत होगा जमीन अधिग्रहण

UP News : यूपी सरकार की ओर से आए एक नए अपडेट के मुताबिक ये कहा गया है कि यूपी का नया शहर बसाने के लिए नई पॉलिसी के तहत जमीन का अधिग्रहण होगा । इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी नीचे खबर में पढ़े।
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UP News : यूपी सरकार ने दिया अपडेट, इस नई पॉलिसी के तहत होगा जमीन अधिग्रहण

NEWS HINDI TV, DELHI : नोएडा अथॉरिटी दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) या यूं कहें न्यू नोएडा में भूमि अधिग्रहण के लिए नई जमीन अधिग्रहण पॉलिसी लागू की जाएगी. इसको बनाने के लिए गुजरात, महराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा की पॉलिसी और एक्ट को देखा जा रहा है. इन सभी से मिलती-जुलती पॉलिसी लाई जाएगी. जल्द ही स्टडी कर आगे कि रूपरेखा तैयार की जायेगी.


जिसके बाद इसे शासन के समक्ष संस्तुती के लिए प्रस्तुत किया जाएगा, वहां से मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा. हालांकि अभी तक यहां लैंड पूल के जरिए ही किसानों से जमीन अधिग्रहीत करने की योजना है, जिसके तहत पूलिग में दी गई भूमि का 25 प्रतिशत भू-स्वामी को आवंटित की जाएगी. इसमें विकसित भूमि का 80 प्रतिशत औद्योगिक उपयोग के लिए, जो कम से कम 450 वर्गमीटर का होगा. 12 प्रतिशत उपयोग आवासीय जो कम से कम 172 वर्ग मीटर वहीं, 8 प्रतिशत उपयोग व्यवसायिक के लिए जो कम से कम 48 वर्ग मीटर का होगा.


गुजरात और महराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण की पॉलिसी लगभग एक समान है. यहां रिआर्गनाइजड यानी टाउन प्लानिंग स्कीम है. जमीन अधिग्रहण के बाद रोड के लिए और एक्सटर्नल डेवलेपमेंट के नाम पर जमीन ली जाती है. वहीं दिल्ली में लैंड पूलिंग यानी 100 प्रतिशत में 60 प्रतिशत जिसका निर्माण किया जाना है और 40 प्रतिशत अथॉरिटी को वापस यानी बेसिक सुविधाओं के लिए जमीन दी जाती है. वहीं हरियाणा में मास्टर प्लान के अनुसार काम होता है.


यहां निवेशक जमीन खरीदता है और लैंड यूज में बदलाव कराया जाता है. इसके लिए एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज लिया जाता है. यूपी में एयरपोर्ट निर्माण के लिए जो जमीन का अधिग्रहण किया गया उसके तहत गांवों में 70 प्रतिशत किसानों की सहमति के आधार पर जमीन अधिग्रहीत की गई. अधिकारियों ने बताया कि इन सभी का अध्ययन  करने के बाद नया एक्ट बनाया जाएगा. इसी एक्ट के तहत डीएनजीआईआर के लिए जमीन अधिग्रहीत की जाएगी.


50 हजार से अधिक रोजगार के अवसर होंगे पैदा-


डीएनजीआईआर के चार चरणों में कुल 21 हज़ार हेक्टेयर में से 8811 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक इकाइयां शामिल है. पहले चरण में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 8,500 करोड़ रुपये से अधिक की जरूरत है, जिसमें 3,000 हेक्टेयर जमीन शामिल हैं. पहले चरण में अनुमानित रूप से 40,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा, जिससे 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.


मास्टर प्लान की कमियों को किया जा रहा दूर-


डीएनजीआईआर के मास्टर प्लान बनाने का काम स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कर रही है, जिसे मंजूरी का इंतजार है. हालांकि, नोएडा अथॉरिटी के बनाए गए मास्टर प्लान पर कुछ कमियां निकाली है. प्लानिंग की ओर से उसे सही किया जा रहा है. इन कमियों को दूर कर लिया गया है अब इसे बोर्ड में लाया जाएगा.