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UPI transaction : 73 प्रतिशत यूजर्स इस काम के बाद बंद कर देंगे UPI का इस्तेमाल

Unified Payments Interface : आज के समय में हर कोई यूपीआई से वाकिफ है। और यूपीआई यूजर्स की सख्या दिन - प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए लोगो की छोटी से लेकर बड़ी ट्रांजेक्शन एक पल में हो जाते हैं। लेकिन हाल ही में यूपीआई यूजर्स (UPI users) के लिए जरूरी खबर समाने आई हैं। दरअसल, UPI transaction को लेकर एक सर्वे किया गया। इससे जुड़ी पूरी जानकारी के लिए खबर को अंत तक पढ़े।
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UPI transaction : 73 प्रतिशत यूजर्स इस काम के बाद बंद कर देंगे UPI का इस्तेमाल

NEWS HINDI TV, DELHI: डिजिटल लेनदेन (digital transactions) ने भारत में तूफान ला दिया है। हाई-एंड स्टोर्स से लेकर पान की दुकानों तक, यहां तक ​​कि देश के सबसे दूरदराज के हिस्सों में भी, कोई भी ऑनलाइन मनी ट्रांसफर के लिए स्कैनर पा सकता है। एक ताजा सर्वे में निकलकर यह सामने आया है कि अगर लोकप्रिय मोबाइल भुगतान प्रणाली एकीकृत भुगतान इंटरफेस यानी कि UPI पर अगर लेनदेन के लिए शुल्क (UPI transaction fees) लगा दिया जाता है तो ज्यादातर उपयोगकर्ता इसका इस्तेमाल बंद कर देंगे। एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है ।

सर्वेक्षण में बड़ी संख्या में लोगों ने यह दावा किया कि उन्होंने पिछले एक साल में एक या अधिक बार अपने यूपीआई भुगतान पर लेनदेन शुल्क (Transaction Fee on UPI Payment) लगाए जाने का अनुभव किया है। सर्वेक्षण से यह भी पता चलता है कि अधिकांश लोगों द्वारा यूपीआई को अपनाने का एक महत्वपूर्ण कारण इसकी लेनदेन शुल्क की कमी है। यदि कोई शुल्क लागू किया जाता है, तो शुल्क राशि के आधार पर, कई लोग या तो अपने यूपीआई उपयोग को कम कर देंगे या इसका उपयोग पूरी तरह से बंद भी कर सकते है।


34,000 से ज्यादा लोगों ने दी अपनी राय:

खबरों के अनुसार, सर्वेक्षण में 364 से ज्यादा जिलों के 34,000 से अधिक लोगों ने अपनी राय दी है। इनमें 67 प्रतिशत पुरुष और 33 प्रतिशत महिलाएं थीं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अगस्त 2022 में एक चर्चा पत्र जारी किया, जिसमें विभिन्न राशि के आधार पर यूपीआई भुगतान पर एक संरचना शुल्क लगाने का प्रस्ताव था। जबकि बाद में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यूपीआई लेनदेन पर शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

लगभग 73 प्रतिशत लोगों ने दिया ये संकेत:

हाल ही में हुए सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है कि सिर्फ 23 प्रतिशत यूपीआई उपयोगकर्ता (UPI user) भुगतान पर लेनदेन शुल्क देने के लिए तैयार हैं। सर्वेक्षण में शामिल 73 प्रतिशत लोगों ने संकेत दिया कि अगर लेनदेन शुल्क लागू किया जाता है तो वे यूपीआई का उपयोग बंद कर देंगे। सर्वेक्षण से पता चला कि करीब 50 प्रतिशत यूपीआई उपयोगकर्ता हर महीने 10 से अधिक लेनदेन करते हैं। फिलहाल देशभर में यूपीआई से किया गया ट्रांजैक्शन चाहे कितनी भी किया जाए, उस पर कोई शुल्क नहीं लगता है।

देश में यूपीआई यूजर की संख्या:

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) ने 2024 में एक मजबूत नोट पर शुरुआत की, जिसमें लेनदेन खर्च 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा और एक नई रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया। जनवरी में यूपीआई नेटवर्क पर लेनदेन (Transactions on UPI Network) की संख्या 1,202 करोड़ पर स्थिर रही। इस वर्ष लेनदेन की मात्रा 52 प्रतिशत अधिक थी। साल 2023 में 182.25 लाख करोड़ रुपये के 11,765 से अधिक यूपीआई लेनदेन किए गए, जो 2022 की तुलना में मात्रा के संदर्भ में 59 प्रतिशत और मूल्य के संदर्भ में 45 प्रतिशत अधिक है।