Wine : दिल्ली वाले सबसे ज्यादा खरीदते है इस ब्रैंड की शराब
NEWS HINDI TV, DELHI: दिल्ली में कौन सी शराब सबसे पॉपुलर है? दिल्ली वाले सबसे अधिक किस ब्रांड को तव्वजो देते हैं? इन सवालों का जवाब मिल गया है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में शराब के शौकीनों के बीच प्रीमियम शराब ब्रांड धीरे-धीरे पॉपुलर हो रहे हैं। हालांकि, शहर में अभी भी 1,000 रुपये तक की कीमत वाली भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) दिल्ली वालों की पसंदीदा है। इंडस्ट्रीज के अनुमान के अनुसार, शराब की कुल बिक्री का 85%, 180 रुपये से 999 रुपये वाली व्हिस्की, वोदका, जिन, रम, वाइन और अन्य शराब शामिल है।
IMFL की जबरदस्त सेल:
इसके अलावा स्पिरिट की खपत में आयरलैंड और जापान स्कॉच की हिस्सेदारी लगभग 7-8% है। इंडियन सिंगल माल्ट स्पिरिट की कुल बिक्री में 7-8% जिन, वोदका, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक एल्को बेवरेज शामिल हैं। पिछले साल, दिल्ली ने आईएमएफएल के लगभग 1.5 करोड़ केस (नौ लीटर प्रत्येक) की खपत हुई थी। वहीं, बीयर ने 9.5 लाख (7.8 लीटर प्रत्येक) केस की बिक्री हुई की। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 2021 की तुलना में आईएमएफएल की बिक्री में लगभग 30% की वृद्धि हुई है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीयर की हर साल लगभग 13 लाख पेटी बिकती है। हालांकि, इसकी कम सेल के पीछे सप्लाई का भी मुद्दा है।
बीयर की सेल में कमी:
कंफेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि जहां स्पिरिट की बिक्री बढ़ी, वहीं बीयर की सेल गिरी है। गर्मियों में बीयर सबसे पसंदीदा मादक पेय है। गिरी के मुताबिक, दिल्ली में हर साल करीब 1.3 करोड़ केस बीयर की खपत होती है। यह 2022 में घटकर महज 9.5 लाख रह गई। गिरि ने कहा भारत में बनी प्रीमियम व्हिस्की जैसे सिंगल माल्ट धीरे-धीरे पूरे देश में लोकप्रिय हो रहा है। हालांकि, दिल्ली में इसकी वृद्धि इसकी क्षमता को नहीं दर्शाती है।
दिल्ली सरकार का भरा खजाना:
रेवेन्यू कलेक्शन मामले में, दिल्ली सरकार के खजाने में साल 2022-23 में 6,821 करोड़ रुपये आए। इसमें 5549 करोड़ एक्साइज और 1272 करोड़ रुपये वैट के शामिल थे। यह साल 2021-22 में 6,762 करोड़ रुपये की तुलना में 2022-23 में सरकार को शराब की बिक्री से 6762 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी। इसमें 5487 करोड़ रुपये एक्साइज और 1275 करोड़ रुपये वैट से प्राप्त हुए थे। इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सीईओ नीता कपूर के अनुसार, दिल्ली अभी भी एक बड़ा बाजार बना हुआ है। कपूर ने कहा कि ज्यादातर लोग अभी भी भारतीय व्हिस्की की 180 मिलीलीटर और 360 मिलीलीटर वाली बोतलें खरीदते हैं। इस सेक्शन से सबसे अधिक बिजनेस आता है।
पिछले साल फिर से पुरानी पॉलिसी लागू:
पिछले साल सितंबर में दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 से पुरानी व्यवस्था में स्विच किया था। इसके बाद से चार सरकारी निगमों ने शहर में शराब के रिटेल कारोबार को अपने कब्जे में ले लिया था। दिल्ली सरकार ने दिसंबर 2022 तक 700 दुकानें खोलने की योजना बनाई थी। हालांकि, यह दिसंबर में बमुश्किल 483 दुकानें ही खुली थीं। हालांकि, अब यह संख्या अब 573 तक पहुंच गई है। इंटरनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की सीईओ नीता कपूर का कहना है कि सिर्फ 483 दुकानों के नेटवर्क के साथ, बिक्री में 30% की वृद्धि दर्ज की गई थी।