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Sarkari Company : सरकार अब इस कंपनी में हिस्सेदारी बेचने की कर रही तैयारी, यह है वजह

सरकार अब एक और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को खत्म करने जा रही है। इसको लेरक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं जल्द ही आपको सूचना मिल सकती है। चेक करें पूरी डिटेल।
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नई दिल्ली : सरकार ने एक और कंपनी से अपनी हिस्सेदारी वापस लेने का फैसला किया है। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में जुट गई है। इसी कड़ी में सरकार ने बिक्री का प्रबंधन करने के लिए आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल और सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट समेत पांच कंपनियों का चयन किया गया है।

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सरकारी अधिकारी के मुताबिक एचडीएफसी बैंक और आईआईएफएल सिक्योरिटीज निवेश बैंकर के रूप में सरकार के साथ काम करेंगे और शेयर बिक्री प्रस्तावों का प्रबंधन करेंगे। अधिकारियों के सामने करीब छह मर्चेंट बैंकरों ने बिक्री के प्रबंधन की पेशकश की थी। अधिकारी ने बताया कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, एचडीएफसी बैंक और आईआईएफएल सिक्योरिटीज जैसे पांच बैंकर का चयन किया गया है। 

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merchant bankers से बोलियां आमंत्रित की थीं
आपको बता दें कि निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने जुलाई की शुरुआत में हिंदुस्तान जिंक की शेष हिस्सेदारी के प्रबंधन के लिए merchant bankers से बोलियां आमंत्रित की थीं।

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बोली लगाने की समयसीमा 28 जुलाई निर्धारित की गई थी। चयनित merchant bankers विनिवेश के समय पर सरकार की सहायता करने के साथ investors की प्रतिक्रिया प्राप्त करेंगे। साथ ही investors से मंजूरी प्राप्त करने के अलावा investors के साथ प्रचार-प्रसार के लिए बैठक आयोजित करेंगे।

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जानिए हिस्सेदारी के बारे में
हिंदुस्तान जिंक, खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम था। इसके वर्ष 2002 में निजीकरण कर दिया गया था। वेदांता लिमिटेड की hzl में वर्तमान में 64.92 प्रतिशत, जबकि सरकार की 29.53 प्रतिशत हिस्सेदारी है। केवल 5.5 प्रतिशत equity खुदरा निवेशकों के पास है।