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Bank News - ग्राहको को इस बैंक ने दिया बढ़ा झटका, अब जेब हागी ढिली

Bank Update - इस बैंक ने अपने ग्राहकों को एक बार फिर बड़ा झटका दे दिया है। दरअसल बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में बढ़ोतरी की है। जिसके चलते अब ग्राहकों की जेब और ढिली होगी, जानिए विस्तार से।
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Bank News - ग्राहको को इस बैंक ने दिया बढ़ा झटका, अब जेब हागी ढिली

NEWS TV HINDI, DELHI : आरबीआई ने 8 फरवरी को रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. रेपो रेट बढ़ने के बाद कई बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) बढ़ा दिया है. अब पब्लिक सेक्टर के केनरा बैंक (CANARA Bank) ने अपने ग्राहकों को जोरदार झटका दिया है. केनरा बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर (MCLR) में बढ़ोतरी की है. अब बैंक से लोन लेना महंगा हो जाएगा. बैंक की नई दरें 12 मार्च,   2022 यानी आज से लागू होगी. दूसरी ओर, रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में भी बढ़ोतरी की गई है.

ज्यादातर कंज्यूमर लोन एक साल के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट के आधार पर होती है. ऐसे में एमसीएलआर में बढ़ोतरी से पर्सनल लोन, ऑटो और होम लोन(Personal Loan, Auto & Home Loan) महंगे हो सकते हैं. अब आपको लोन लेने पर पहले से ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना होगा. ग्राहकों के जेब पर इसका सीधा असर पड़ेगा.

नई MCLR दरें-


एसबीआई ने ओवरनाइट एमसीएलआर दर को 7.55 फीसदी से बढ़ाकर 7.90 फीसदी, 1 महीने के लिए एमसीएलआर दर 7.55 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी और 3 महीने के लिए एमसीएलआर दर को 7.90 फीसदी से बढ़ाकर 8.15 फीसदी कर दिया है. वहीं बैंक का 6 महीने के लिए एमसीएलआर दर 10 बेसिस प्वाइंट्स बढ़कर 8.40 फीसदी, 1 साल के लिए एमसीएलआर 8.50 फीसदी से 8.60 फीसदी हो गया है.


RLLR में भी इजाफा-


12 मार्च, 2023 से केनरा बैंक की रेपो लिंक्ड लोन रेट(repo linked loan rate) को भी संशोधित किया गया है और वर्तमान में यह 9.25% है.

क्या होता है MCLR?


गौरतलब है कि एमसीएलआर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विकसित की गई एक पद्धति है जिसके आधार पर बैंक लोन के लिए ब्याज दर निर्धारित करते हैं. उससे पहले सभी बैंक बेस रेट के आधार पर ही ग्राहकों के लिए ब्याज दर तय करते थे.


लगातार छठी बार रेपो रेट बढ़ोतरी-


बता दें कि रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 8 फरवरी को लगातार छठीं बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर दी. मौद्रिक नीति बैठक के बाद उन्‍होंने कहा कि दुनियाभर में बढ़ती महंगाई का दबाव भारत पर भी है और इस पर पूरी तरह काबू पाने के लिए एक बार फिर कर्ज की ब्‍याज दरें बढ़ाना जरूरी हो गया है. हालांकि, इस बार रेपो रेट में सिर्फ 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है.