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Employees OPS Strike: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल, अब आगे

पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारी लंबे समय से मांग कर रहे है। ऐसे में अब सरकारी कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर हड़ताल का ऐलान कर दिया गया है।
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Employees OPS Strike: पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर कर्मचारियों की हड़ताल, अब आगे

News Hindi TV: दिल्ली, पुरानी पेंशन योजना की मांग (OPS in Maharashtra) को लेकर आज मंगलवार से सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर जा रहे हैं। इससे स्कूल, अस्पताल सहित तमाम सरकारी विभाग के कामकाज प्रभावित हो सकते हैं। हड़ताल पर नहीं जाने के लिए सरकार ने यूनियन नेताओं से अपील की है।

इससे पहले विधान भवन में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde), उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis), विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार, विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे के साथ यूनियन नेताओं की बैठक हुई, लेकिन वह किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी। बताया जाता है बैठक में सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाबत एक समिति (OPS Committee in Maharashtra) गठित करने पर जोर दिया। इससे यूनियन नेता सहमत नहीं हुए


अधिकारी महासंघ के पदाधिकारी ग. दि. कुलथे, विनोद देसाई, समीर भाटकर ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए 26 दिसंबर 2022, 1 मार्च और 12 मार्च 2023 को निवेदन दिया। 10 मार्च को मुख्य सचिव के साथ बैठक हुई। सोमवार 13 मार्च को महासंघ कार्यकारिणी की बैठक हुई।


यूनियन नेताओं का कहना है कि 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगभग 40 फीसदी है। इन सभी को पुरानी पेंशन मिलना चाहिए। पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करने से कर्मचारियों में भारी नाराजगी है। हड़ताल का असर सरकारी, अर्ध सरकारी, शिक्षक, गैर शिक्षक कर्मचारी, नगर निगम, नगर पंचायत, नगर परिषद सहित अन्य सरकारी विभाग के कर्मी हड़ताल पर रहेंगे।

35 हजार स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल से लड़खड़ाएंगी स्वास्थ्य सेवाएं
पुरानी पेंशन योजना, भत्ता आदि की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल में सरकारी अस्पतालों की नर्सेस और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी शामिल होंगे। इससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि मरीजों को परेशानी न हो, इसकी तैयारी भी प्रशासन ने की है।


दरअसल वर्ष 2005 के बाद से नियुक्त हुए सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। इन्हें भी पुरानी योजना के तहत पेंशन मिले, इसके लिए सरकारी कर्मचारी मंगलवार से हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल में सरकारी अस्पतालों में कार्यरत नर्सेस और चतुर्थ श्रेणी के करीब 35 हजार कर्मचारी शामिल होंगे। महाराष्ट्र राज्य नर्सेस संगठन की महासचिव सुमित्रा टोटे ने बताया कि करीब 22 हजार नर्सेस मंगलवार सुबह से ही हड़ताल पर चली जाएंगी। स्वास्थ्यकर्मी पुरानी पेंशन योजना के अलावा समान वेतन, समान भत्ता, पदोन्नति की मांगें कर रहे हैं।

हड़ताल को मिला AAP का समर्थन
सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल को आम आदमी पार्टी (AAP) की मुंबई अध्यक्ष प्रीति शर्मा मेनन ने समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी के महाराष्ट्र संगठन मंत्री विजय कुंभार ने बताया कि उनकी पार्टी ने पंजाब में चुनाव प्रचार के दौरान सरकारी कर्मचारियों से पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा किया। बता दें कि नई पेंशन योजना के प्रावधानों के अनुसार कर्मचारियों के वेतन कटौती का एक हिस्सा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। इसलिए, सेवानिवृत्ति के बाद का भुगतान सेवानिवृत्ति के समय शेयर बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है। इन्हीं कारणों से नई पेंशन योजना का विरोध किया जा रहा है।


बोर्ड परीक्षाओं और पेपर जांच का काम होगा बाधित
महाराष्‍ट्र के शिक्षक और शिक्षा कर्मचारियों ने 14 मार्च से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। शिक्षकों की हड़ताल की वजह से बोर्ड परीक्षाएं और पेपर जांच का काम बाधित हो सकता है। महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद के मुंबई कार्यवाह शिवनाथ राडादे के अनुसार, मंगलवार से शुरू होने वाली हड़ताल में मुंबई के स्कूलों से 5 हजार और राज्य के स्कूलों से 5 लाख से अधिक शिक्षक और शिक्षाकर्मी शामिल हो रहे हैं। सरकार जब तक पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करती है, तब तक कोई भी शिक्षक काम पर नहीं लौटेगा। बता दें कि 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं खत्म हो गई हैं, जबकि 10वीं की चल रही हैं। ऐसे में शिक्षकों के हड़ताल पर जाने का सीधा असर परीक्षाओं पर पड़ेगा।

स्कूलों को भेजा पत्र
टीचर्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के उपाध्यक्ष राजेश पंड्या के अनुसार, हड़ताल की जानकारी पहले ही सरकार को दे दी गई है। सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। इस वजह से विद्यार्थी और अभिभावकों को होने वाली परेशानियों की जिम्मेदारी सरकार की है। शिक्षकों ने मंगलवार से ड्यूटी पर नहीं आने की जानकारी पत्र के माध्यम से प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन तक पहुंचा दी है। स्कूलों को बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करने के लिए जरूरी इंतजाम खुद करने को कहा गया है।

12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के दौरान भी कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षकों ने भी पुरानी पेंशन की मांग को लेकर पेपर जांच के काम का बहिष्कार किया था। कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षकों के आंदोलन की वजह से करीब एक सप्ताह तक पेपर जांच का काम ठप रहा था और करीब 50 लाख उत्तर पुस्तिकाओं का ढेर सेंटरों पर लग गया था। शिक्षा मंत्री के आश्वासन के बाद शिक्षकों ने आंदोलन वापस लिया था। मांग पूरी नहीं होने से नाराज कनिष्ठ महाविद्यालय के शिक्षक संगठन भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।


16 लाख विद्यार्थियों पर पड़ेगा असर
10वीं की परीक्षा के लिए राज्य के 15,77,256 विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया है। 23,010 स्कूलों के 8,44,116 लड़के और 7,33,067 लड़कियां परीक्षा में बैठ रहे हैं। राज्य के 5,033 केंद्रों पर परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं। अब तक पांच विषयों की परीक्षा हो चुकी है, जबकि पांच विषयों की परीक्षा बाकी है।