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EPFO : हर महीने सैलरी से कटता है PF तो मिलेंगे ये 7 फायदे

EPFO : आपको बता दें कि ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारियों के खाते से हर महीने पीएफ के रुप में कुछ फीसदी पैसा जमा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन कर्मचारियों की सैलरी से PF कटता है उनको कुछ फायदे मिलते हैं, अगर नहीं तो आज की ये खबर आपके लिए खास होने वाली है। तो आज हम आपको बताने वाले हैं ऐसे ही 7 फायदों के बारे में जिनके बारे में अधिकतर लोगों को पता नहीं होता है।
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EPFO : हर महीने सैलरी से कटता है PF तो मिलेंगे ये 7 फायदे

NEWS HINDI TV, DELHI: अगर आप नौकरी करते हैं तो आपने अपना सैलरी स्ट्रक्चर तो देखा ही होगा। आपकी हर महीने की सैलरी से EPFO की ओर से चलाई जाने वाली योजना EPF ( Employees Provident Fund ) में पैसे जाते हैं। ऑर्गनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारियों के लिए EPF में हर महीने 12 फीसदी की कटौती के साथ रिटायरमेंट कॉर्पस तैयार होता रहता है।

रिटायरमेंट फंड( Retirement Fund ) बनाने के अलावा भी EPF के अपने कई फायदे हैं। इनमें से कुछ फायदे हैं जो लगभग सभी कर्मचारी जानते हैं, लेकिन कुछ ऐसी बातें भी हैं, जिनपर या तो लोगों का ध्यान नहीं जाता, या फिर पता ही नहीं होता। हम यहां आपको EPF के ऐसे ही 7 फीचर या फायदे बताने जा रहे हैं।

1. पेंशन का फायदा-

प्रॉविडेंट फंड के तहत आपका पैसा दो हिस्सों में जमा होता है- EPF यानी इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड और EPS यानी इंप्लॉई पेंशन स्कीम( Employee Pension Scheme )। आपकी सैलरी से जो 12 फीसदी कटता है, 12 फीसदी आपकी कंपनी देती है। कंपनी के कॉन्ट्रीब्यूशन से पेंशन कॉर्पस तैयार होता हैं। हालांकि, पेंशन की पात्रता 58 की उम्र के बाद ही होती है, और इसके लिए कम से कम 10 साल की नौकरी होनी चाहिए। मिनिमम पेंशन अमाउंट 1,000 रुपये होती है।


2. नॉमिनेशन का फायदा-

पिछले कुछ टाइम में EPFO( Employees' Provident Fund Organisation ) ने इस सुविधा के लिए सब्सक्राइबर्स को बार-बार नॉमिनेशन कराने को कहा है। आप अपने EPF अकाउंट( EPF Account ) से किसी को भी नॉमिनी बना सकते हैं। सब्सक्राइबर्स की मृत्यु पर नॉमिनी को पीएफ के पैसे मिल जाते हैं।


3. VPF में भी निवेश-

कर्मचारी EPF के अलावा, VPF यानी Voluntary Provident Fund में भी निवेश कर सकते हैं। आप अपनी बेसिक सैलरी से एक्स्ट्रा कॉन्ट्रिब्यूशन VPF में डाल सकते हैं।

4. पैसे निकालने के नियम-

EPF से पैसे निकालने के कई नियम हैं। ऐसा नहीं है कि आपने अपनी नौकरी बदली तो आप आराम से ईपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं, ऐसा नहीं है। आप तभी EPF का पैसा निकाल सकते हैं, जब या तो आप दो महीनों से नौकरी नहीं कर रहे हों। पैसे भी ट्रांसफर तभी किए जा सकते हैं, जब आप नई नौकरी पा लें।

5. आंशिक निकासी-

इसके अलावा, आंशिक निकासी के भी अपने कई अलग-अलग नियम हैं। आप पूरा पैसा नहीं निकाल सकते, लेकिन अकाउंट से कुछ लिमिट तक पैसे निकाल सकते हैं। अपनी, अपने भाई-बहनों की, अपने बच्चों की शादी या शिक्षा के लिए पैसे निकाले जा सकते हैं, लेकिन अकाउंट शुरू होने के 7 सालों बाद, 50 फीसदी अमाउंट ही निकाल सकते हैं। 

अपने और अपने परिवार में किसी की बड़ी सर्जरी या इलाज के लिए भी पैसे निकाले जा सकते हैं। हाउस लोन चुकाने के लिए, घर बनवाने या खरीदने के लिए। या घर रेनोवेट कराने के लिए भी पैसे निकाल सकते हैं।

6. EPF पर ब्याज-

EPF पर आपको हर सालाना ब्याज मिलता है, जोकि कंपाउंड होता रहता है। अभी सरकार आपको EPF पर 8.15% की दर से सालाना ब्याज दे रही है। लेकिन EPS वाले कॉर्पस पर कोई रिटर्न नहीं मिलता है, आपका जितना फंड जमा होता है, उतना ही फंड मिलता है।

7. लाइफ इंश्योरेंस-

अगर किसी कंपनी में लाइफ इंश्योरेंस बेनेफिट नहीं है तो वहां कर्मचारियों को EDLI ( Employees’ Deposit Linked Insurance ) स्कीम के तहत लाइफ कवरेज दिया जा सकता है। हालांकि, इसमें कवरेज बहुत कम मिलता है।