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HDFC, ICICI, PNB और SBI बैंक खाताधारकों को खाते में रखना पड़ेगा इतना बैलेंस, नहीं लगेगा जुर्माना

सरकारी और गैर -सरकारी बैंकों की ओर से सेविंग अकाउंट को चालू रखने के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा निर्धारित की गई है जिसके बारे में विस्तार के हम अपनी इस खबर में बताने जा रहे हैं। आइए जानते है पूरी जानकरी।
 
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HDFC, ICICI, PNB और SBI बैंक खाताधारकों को खाते में रखना पड़ेगा इतना बैलेंस, नहीं लगेगा जुर्माना

NEWS HINDI TV, DELHI : सेविंग अकाउंट चालू रखने के लिए हर खाताधारक को कम से कम कुछ राशि अपने खाते में रखनी होती है, जिसे आमतौर पर एवरेज मंथली बैलेंस (AMB) या न्यूनतम शेष राशि कहा जाता है। इस सीमा से नीचे अकाउंट बैलेंस होने पर आप पर बैंक की ओर से पेनल्टी लगाई जाती है। यह हर बैंक और क्षेत्र के हिसाब से अलग- अलग होती है। आज हम अपनी इस खबर में देश के चार बड़े बैकों की न्यूनतम शेष राशि के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे इस सीमा के पास आपका अकाउंट बैलेंस आने पर आप सतर्क हो जाए। आइए जानते हैं।

 

 

 

 


एचडीएफसी बैंक


निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी बैंक के शहरी खाता धारकों को अपने सेविंग अकाउंट में न्यूनतम 10,000 रुपये का औसत बैलेंस रखना जरूरी है। वहीं, अर्ध-शहरी इलाकों और ग्रामीण इलाकों के लिए न्यूनतम बैलेंस की सीमा 5,000 रुपये और 2,500 रुपये निर्धारित की गई है।

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया


 

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने न्यूनतम बैलेंस की सीमा को मार्च 2020 में समाप्त कर दिया था। इससे पहले शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को 3,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को 2,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को 1,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस रखना होता था।

पंजाब नेशनल बैंक


पंजाब नेशनल बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को औसत न्यूनतम बैलेंस 2,000 रुपये रखना होता है। वहीं, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए ये सीमा 1,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों के लिए 500 रुपये निर्धारित की गई है।

आईसीआईसीआई बैंक


आईसीआईसीआई बैंक में मेट्रो और शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को औसत न्यूनतम बैलेंस 10,000 रुपये, अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों को 5,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों को 2,000 रुपये का औसत न्यूनतम बैलेंस रखना होता है।

बैंक क्यों रखती है न्यूनतम बैलेंस की सीमा


बैंकों की ओर से न्यूनतम बैलेंस रखने का सबसे बड़ा कारण बैंकिंग परिचालन में आने वाली लागत है। अगर ग्राहक न्यूनतम बैलेंस नहीं रखेंगे, तो बैंक को इससे नुकसान होता है।