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Home Loan EMI Calculator : 50 हजार की कमाई वालें घर खरीदनें से पहलें जान लें पर्सनल फाइनेंस का यह नियम

Home Buying Plan : अगर आप घर खरीदनें के बारे में सोच रहे हैं। दरअसल, हर किसी का सपना होता है कि एक अपना घर हो, फिर बाकी की चीजें. भारत में घर के साथ इमोशनल एंगल जुड़ा होता है. इसलिए कुछ लोग नौकरी पकड़ते ही सबसे पहले घर या फ्लैट खरीद लेते हैं। जानिए विस्तार से-
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Home Loan EMI Calculator : 50 हजार की कमाई वालें घर खरीदनें से पहलें जान लें पर्सनल फाइनेंस का यह नियम

NEWS HINDI TV, DELHI: हर किसी का सपना होता है कि वह अपना घर खरीदे. अपना घर खरीदना लोगों के लिए भावनात्मक मसला होता है, क्योंकि इससे लोगों को मानसिक सुरक्षा मिलती है. हालांकि जिस तरीके से घरों की कीमतें बढ़ रही हैं, इसे पूरा करना आसान नहीं है. यह हर किसी के लिए बहुत बड़ा वित्तीय निर्णय भी होता है. कई बार लोग इस कारण पछताते हैं कि उन्होंने समय से पहले घर खरीद लिया और कई बार देरी करने का अफसोस सताता है. आपको भी ये सब नहीं झेलना पड़े, इसके लिए पर्सनल फाइनेंस के आधारभूत नियमों को आत्मसात कर लेना जरूरी है.

ताकि न देनी पड़े कई सपनों की बलि-


घर खरीदने में मोटी रकम की जरूरत होती है और ज्यादातर लोग इसके लिए होम लोन (Home Loan) लेते हैं. होम लोन लंबी अवधि का कर्ज होता है और इसकी ईएमआई (Home Loan EMI) भी ठीक-ठाक होती है. अगर आप कई सालों तक अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा कर्ज की किस्तों में देने के लिए तैयार हैं, तब तो ठीक है, लेकिन अगर आपकी तैयारी गड़बड़ हुई तो यह फैसला भारी पड़ सकता है. संभव है कि आपका यह एक सपना आपके परिवार के कई सपनों की बलि ले ले. आइए जानते हैं कि यह अहम फैसला लेने से पहले अपनी जेब को कैसे चेक करें.

क्या कहता है 50:30:20 नियम-

यह पर्सनल फाइनेंस का थंब रूल यानी आधारभूत नियम है. 50:30:20 का मतलब हुआ कि आप अपनी इन हैंड सैलरी (In-Hand Salary) यानी कमाई का 50 फीसदी हिस्सा जरूरत की चीजों पर खर्च करें. इनमें यूटिलिटी बिल, रेंट, EMI, ग्रॉसरी की खरीदारी जैसे खर्च शामिल हैं. इसके बाद वेतन का 20 फीसदी हिस्सा कहीं इन्वेस्ट करना चाहिए. अब जो 30 फीसदी हिस्सा बचता है, उन्हें अन्य गैरजरूरी खर्चों के लिए रखें. कोई भी लोन लेते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपकी सारी EMI सैलरी के 30 फीसदी से ज्यादा नहीं हो पाए, वर्ना आप डेट ट्रैप यानी कर्ज के जाल में फंस सकते हैं.

ऐसे समझें सारा गणित-

मान लेते हैं कि आपकी हर महीने की कमाई 01 लाख रुपये है. इसमें से 50 हजार रुपये आपको जरूरी खर्चों के लिए रखने होंगे. इसी 50 हजार रुपये से आपको घर की ईएमआई का भी भुगतान करना होगा. आपकी सैलरी 01 लाख रुपये है, तो 50:30:20 नियम के हिसाब से आपकी कुल ईएमआई 30 हजार रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. 20 हजार रुपये कहीं इन्वेस्ट करेंगे, जबकि बाकी के बचे 30 हजार रुपये को अन्य खर्चों के लिए रखा जाएगा. अब अगर आप 30 हजार रुपये के आसपास की EMI भर सकते हैं, तो आपका होम लोन 20 साल के लिए 35 लाख रुपये, 25 साल के लिए 38 लाख रुपये और 30 साल के लिए 40 लाख रुपये से ज्यादा का नहीं होना चाहिए.


इसे नीचे दिए गए चार्ट से समझें:-

होम लोन (रुपये) ब्याज दर (%) अवधि (वर्ष) ईएमआई (प्रति माह)

  • 35 लाख           8.65                         20                  30,707
  • 38 लाख           8.65                         25                  30,984
  • 40 लाख           8.65                         30                  31,183

इन खर्चों का भी कर लें प्रबंध-

आमतौर पर लोग घर खरीदने के लिए लोन का सहारा लेते हैं. बैंक घर की कीमत के 80 से 90 फीसदी के बराबर रकम का होम लोन देते हैं. बाकी रकम का इंतजाम खुद करना पड़ता है. अगर आप 50 लाख रुपये का घर लेते हैं, तो डाउन पेमेंट के लिए 10 लाख रुपये आपके पास होने चाहिए. एक लाख रुपये की आमदनी के हिसाब से 40 लाख रुपये तक का लोन लेना ठीक रहेगा. इससे ज्यादा का लोन लेने पर आपकी EMI बढ़ जाएगी और दूसरे खर्च कम करने होंगे. आप जितना ज्यादा डाउन पेमेंट करेंगे, आपके लोन की ईएमआई उतनी कम होगी. एक और बात का ध्यान रखना जरूरी है. घर खरीदने में स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज जैसे दूसरे खर्च भी होते हैं. इनके लिए पर्सनल लोन लेने से बचें. पर्सनल लोन लेकर ये काम करने से आपके ऊपर दोहरी ईएमआई का बोझ पड़ेगा.

इन बातों की बांध लें गांठ-

अंत में सबसे जरूरी बात. कोई भी कर्ज हो, उसे लेते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि हर महीने आपको ईएमआई का भुगतान करना है. बिना सही से कैलकुलेट किए लोन लेने पर ईएमआई का बोझ ज्यादा हो सकता है, जिसके कारण आपको अन्य जरूरी खर्चों में कटौती करने की नौबत आ सकती है, जो बाद में आपके लिए मानसिक परेशानी का कारण बन सकता है और आप कर्ज के जाल रूपी जंजाल में बुरी तरह से फंस सकते हैं.