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Senior Citizens के लिए इनकम टैक्स में छूट, जानिए अब पेंशन ग्रेच्युटी पर कितना देना होगा टैक्स

Income Tax slabs, rates and exemptions for senior citizens : हाल ही में सीनियर सिटीजन के लिए बड़ी खुशखबरी आई हैं। आपको बता दें कि वरिष्ठ नागरिकों इनकम टैक्स में छूट मिली हैं। जानिए नीचें खबर में पेंशन ग्रेच्युटी पर अब कितना टैक्स देना होगा।
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Senior Citizens के लिए इनकम टैक्स में छूट, जानिए अब पेंशन ग्रेच्युटी पर कितना देना होगा टैक्स

NEWS HINDI TV, DELHI: सैलरीड और पेंशनर्स को अनिवार्य रूप से अपना आयकर रिटर्न (income tax return-ITR) दाखिल करना होता है. हालांकि, बजट 2021-22 में सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 में एक नया सेक्शन जोड़ा था, जिसमें 75 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को कुछ मानदंडों को पूरा करने पर ITR भरने की आवश्यकता नहीं है. हम आपको सीनियर सिटीजंस के इनकम टैक्स, दरों और छूट के बारे में बताएंगे जो उन्हें मिलती हैं.

सीनियर सिटीजंस के लिए इनकम टैक्स छूट की सीमा:

senior citizens वो लोग हैं, जो पिछले वित्त वर्ष तक 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के हैं या जिनकी उम्र 80 साल से कम हैं. 60 से 80 वर्ष की आयु के बीच आने वाले रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए बेसिक टैक्स छूट की सीमा 3 लाख रुपए है. अति वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से ज्यादा) के मामले में छूट की सीमा 5 लाख रुपए है.

क्या भारत में पेंशन टैक्स योग्य है?

रिटायर्ड कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन टैक्सेबल होती है. ये छूट की सीमा के बाद इनकम के तहत 'वेतन' के तौर पर टैक्सेबल होती है.

रियार्ड कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और प्रोविडेंट फंड पर टैक्स?

सरकारी कर्मचारियों के लिए EPF से मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होती है. गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए EPF टैक्स छूट के दायरे में है, लेकिन तभी जब विड्रॉल 5 साल की निरंतर सर्विस के बाद हो तो. साथ ही इसके लिए EPF किसी ऐसी कंपनी से हो, जो EPFO में रजिस्टर्ड हो.

रिटायरमेंट पर मिलने वाली ग्रेच्युटी सरकारी कर्मचारियों के लिए टैक्स फ्री है. जबकि, गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए, ग्रेच्युटी सिर्फ चुनिंदा स्थितियों में टैक्स फ्री होती है.

ग्रेच्युटी की रकम 10 लाख रुपए
हर साल सर्विस के 15 दिन का वेतन
एक्चुअल ग्रैच्युटी हासिल हुई हो.

क्या फैमिली पेंशन टैक्सेबल है?

फैमिली पेंशन (Family Pension) भारत में टैक्सेबल है. इस पर 'अन्य स्रोतों से आय' के तहत टैक्स लगाया जाता है. इस पर 33.33% या 15000 रुपए (जो भी कम हो) तक डिडक्शन मिलती है. उसके बाद ही इस पर टैक्स लगाया जा सकता है.