News hindi tv

Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स हो जाएं अलर्ट, इनकम टैक्स विभाग खंगाल रहा है इतने साल पुराने मामले, घर भेजे जाएंगे नोटिस

Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल आपको बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बार फिर कर चोरी के पुराने मामलों को खंगालना शुरू कर दिया है। लेकिन इस बार इसमें एक अलग तरीका आजमाया जा रहा है। बता दें कि सीधा घर भेजें जाएंगे नोटिस।

 | 
Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स हो जाएं अलर्ट, इनकम टैक्स विभाग खंगाल रहा है इतने साल पुराने मामले, घर भेजे जाएंगे नोटिस

NEWS HINDI TV, DELHI : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ( Income Tax department ) ने एक बार फिर कर चोरी के पुराने मामलों को खंगालना शुरू कर दिया है। लेकिन इस बार इसमें एक अलग तरीका आजमाया जा रहा है। देशभर में टैक्स अधिकारी इनसाइट ( INSIGHT ) पोर्टल पर नजर रखे हुए हैं।

यह पोर्टल देश में करोड़ों टैक्सपेयर्स के भारीभरकम डेटा को खंगालकर इनकम टैक्स चोरी करने वालों का पता लगाता है। इसमें जिन टैक्सपेयर्स के नाम सामने आ रहे हैं, उन्हें लेटर भेजे जा रहे हैं।

2021-22 में एक नया नियम लागू हुआ है। एक टैक्स अधिकारी ने कहा, 'यह सिस्टम रेंडम तरीके से काम करता है। इसलिए संभव है कि अगर चार साल के लिए चोरी होती है, तो सिस्टम एक साल के लिए दिखा सकता है।

ऐसे में हम जानते हैं कि सभी साल को फिर से खोलने के लिए आधार हैं। साथ ही इसमें किसी नाम के सामने आने से पहले सभी जानकारी अपलोड होने में कुछ समय लगता है।'

करदाता को अपना पक्ष रखने का मौका-


इनसाइट से हरी झंडी के अलावा आईटी विभाग को एक विस्तृत प्रक्रिया का पालन करना होगा। अगर किसी एसेसमेंट ईयर के लिए करदाता का नाम सामने आता है तो आईटी एक्ट की नई धारा 148ए के तहत उसे प्रारंभिक पत्र भेजना होगा।

टैक्सपेयर्स को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाता है और अगर वह इसमें नाकाम रहता है तो उसका मामला अपने आप खुल जाता है। अगर सिस्टम समय पर पर्याप्त नाम देता है तो मुंबई रीजन में 50,000 से अधिक लेटर टैक्सपेयर्स को भेजे जा सकते हैं।

संशोधित नियम के मुताबिक अगर टैक्स चोरी के मामले में टोटल इनकम 50 लाख रुपये से अधिक है तो विभाग 11 साल पुराने मामलों को उधेड़ सकता है। 50 लाख रुपये से कम के मामले में यह चार साल है।

पोर्टल पर अपलोड की गई जानकारी बैंकों, विदेशी संस्थाओं, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय और दूसरी थर्ड पार्टीज से मिलता है। जानकारों का कहना अगर करदाता की तरफ से संतोषजनक जवाब मिलता है तो संभव है कि केस को न खोला जाए। हर करदाता को अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा। पहले ऐसा नहीं था।