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Income Tax- अब इन लोगो को भी देना पडे़गा टैक्स, एक्शन मोड में इनकम टैक्स विभाग

अगले वित्त वर्ष डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए टैक्स चोरी को रोकने के साथ-साथ टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाना भी जरूरी है। अब ITR में गलत जानकारी देने वालों पर आयकर विभाग सख्त एक्शन लेगा।
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Income Tax- अब इन लोगो को भी देना पडे़गा टैक्स, एक्शन मोड में इनकम टैक्स विभाग

NEWS TV HINDI, DELHI : इनकम टैक्स विभाग की नजर अब महंगे फ्लैट और मकान खरीदने वाले, विदेशी टूर करने वाले तथा महंगी गाड़ियां खरीदने वालों पर है। विभाग को लगता है कि देश में कुछ लोग ऐसे हैं जो विदेशी टूर करते हैं, महंगे फ्लैट और गाड़ियां खरीदते हैं।
मगर इनकम टैक्स में अपनी आमदनी का ब्यौरा कम देकर टैक्स चोरी(Tax evasion) करते हैं। अब इनकी ओर से दिया गया आमदनी का ब्योरा और खरीदे गए महंगे फ्लैट और गाड़ियों पर होने वाले खर्चे का मिलान किया जाएगा। अगर कुछ भी गलत या गड़बड़ पाया गया तो तुरंत कार्रवाई होगी, नोटिस भेजा जाएगा। नोटिस का जवाब मिलने के बाद फाइनल एक्शन लिया जाएगा।


CBDT के एक अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए इस बार डायरेक्ट टैक्स का कलेक्शन(direct tax collection) का लक्ष्य 16 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है। उपलब्ध आकड़ों के अनुसार 10 जनवरी तक कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 14.71 लाख करोड़ रुपये रहा। रिफंड देने के बाद टैक्स कलेक्शन 12.31 लाख करोड़ रुपये रहा। ऐसे में चालू वित्त वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य पाना मुश्किल नहीं होगा। यानी लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा। अगले वित्त वर्ष के लिए डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी का लक्ष्य रखा गया है। इसका मतलब है कि अगले वित्त वर्ष में 19 लाख करोड़ रुपये टैक्स डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का रहेगा।


टैक्स चोरी की जांच

अधिकारी के अनुसार अगले वित्त वर्ष डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ाने के लिए टैक्स चोरी को रोकने के साथ-साथ टैक्सपेयर्स की संख्या(number of taxpayers) बढ़ाना भी जरूरी है। इस बात के मद्देनजर यह अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत यह देखा जाएगा कि जो लोग महंगी गाड़ियां और फ्लैट-मकान खरीद रहे हैं या फिर विदेशी टूर कर रहे हैं, उन्होंने कितना इनकम टैक्स दिया है। यह देखा जाएगा कि क्या ऐसे लोग टैक्स दे भी रहे हैं कि नहीं। हर पहलू से जांच की जाएगी कि कोई भी किसी तरह से टैक्स चोरी ना कर पाएं। इसका मतलब है कि अब ज्यादा खर्चा करने वाले, कम आमदनी दिखाकर टैक्स कम नहीं दे पाएंगे। उनको अपनी सही आमदनी दिखानी होगी, सही टैक्स देना होगा।