IT Act, 2000 : अब किसी का नकली वीडियो बनाना पड़ेगा भारी, इतने साल की होगी सजा
IT Act, 2000 : आपको बता दें कि इंडियन एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बने इस फेक वीडियो से डीपफेक टेक्नोलॉजी को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है...आइए नीचे खबर में जानते है कि आखिर पूरा माजरा क्या है।
NEWS HINDI TV, DELHI : इंडियन एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर काफी वायरल हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से बने इस फेक वीडियो से डीपफेक टेक्नोलॉजी को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. किसी की प्राइवेसी में दखल देकर फेक कंटेंट बनाना सही नहीं है. समाज पर इसका बेहद गलत असर पड़ सकता है. खासतौर पर चुनावी माहौल में नेताओं के नकली वीडियो के जरिए वोटर्स को गुमराह किया जाने का खतरा रहता है. इससे हमारी पूरी चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है. क्या भारत में डीपफेक टेक्नोलॉजी से निपटने का उपाय नही हैं?
भारत में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000 के तहत डीपफेक संबंधी मामलों से निपटा जाता है. नागरिकों की प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए इस एक्ट में कई प्रावधान किए गए हैं. रश्मिका मंदाना का केस देखें तो सरकार इस एक्ट के तहत डीपफेक बनाने और शेयर करने वालों पर कार्रवाई कर सकती है. यहां देखें कि आईटी एक्ट के तहत इस मामले में क्या कार्रवाई हो सकती है, और कितनी सजा मिल सकती है.
IT Act, 2000 (Sec. 66C): 3 साल की जेल-
आईटी एक्ट और इंडियन पीनल कोड (IPC) AI जेनरेटेड डीप फेक के मुद्दे का निपटारा कर सकते हैं. आईटी एक्ट का सेक्शन 66C पहचान की चोरी का प्रावधान है. अगर कोई भी धोखाधड़ी या बेईमानी से किसी अन्य व्यक्ति के इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर, पासवर्ड या किसी दूसरे यूनीक आइडेंटिफिकेशन का इस्तेमाल करेगा तो 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना पड़ सकता है.
यानी दोषी को 3 साल तक की जेल की सजा को 3 साल तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही 1 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
IT Act, 2000 (Sec. 66E): जुर्माना और जेल-
सेक्शन 66E प्राइवेसी से जुड़ा मामला देखता है. अगर कोई भी जानबूझकर किसी व्यक्ति की प्राइवेसी का उल्लंघन करते हुए उसकी सहमति के बिना उसके प्राइवेट एरिया की इमेज को कैप्चर, पब्लिश या फैलाता है. तो 3 साल की जेल और 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.
इस सेक्शन के तहत दोषी की जेल की सजा को 3 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, और 2 लाख रुपये तक जुर्माना या एकसाथ दोनों से दंडित किया जा सकता है. AI से किसी की नकली वीडियो बनाकर आप कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं.
IT Act, 2000 (Sec. 67): अश्लील कंटेंट फैलाने पर सजा-
सेक्शन 67 के तहत इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील कंटेंट पब्लिश करने या वायरल करने पर सजा का प्रावधान है. अगर कोई ऐसा कंटेंट बनाता है या पब्लिश करता है जो अश्लील है, कामुकता को बढ़ावा देता है, तो ऐसा पहली बार करने पर 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है. यही अपराध दूसरी बार करने पर जेल की सजा को 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना राशि भी बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो सकती है.
IPC के तहत कार्रवाई-
रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के मामले में सेक्शन 66C, 66E और 67 लागू हो सकते हैं. कुछ मामले ऐसे भी होते हैं जहां हेट स्पीच फैलाने के लिए डीपफेक का सहारा लिया जाता है. ऐसे मामलों में आईटी एक्ट के अलावा आरोपी पर इंडियन पीनल कोड (IPC) के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है. इस तरह के केस में 153A और 295A के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है.