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अब Maruti Suzuki को ग्राहक के पूरे पैसे करने होंगे वापस, ये है बड़ी वजह

Maruti Suzuki : मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दें कि हाल ही में मारूति सुजुकी का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें कंपनी को ग्राहक की कार के पूरे पैसे वापस करने होंगे। मलप्पुरम डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने ग्राहक की शिकायत पर गौर करते हुए यह आदेश सुनाया है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं इस मामले के बारे में विस्तार से.
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अब Maruti Suzuki को ग्राहक के पूरे पैसे करने होंगे वापस, ये है बड़ी वजह

NEWS HINDI TV, DELHI: क्या आपने कभी सुना है कि मारुति आपकी कार( Maruti Suzuki ) के पैसे वापस कर रही है...? शायद ऐसा कभी नहीं हुआ है, लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बाद मारुति को एक ग्राहक को कार के पूरे पैसे वापस करने होंगे। केरल के एक कंज्यूमर पैनल( consumer panel ) ने देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी( automobile company ) को कार का पैसा वापस करने का आदेश दिया है। 

मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड( Maruti Suzuki India Limited ) से एक ग्राहक ने एक कार खरीदी थी, लेकिन दुर्घटना के समय उस कार के एयरबैग( airbag ) नहीं खुल पाए थे। बता दें यह मामला तीन साल पहले का है और अब इस पर केरल के कंज्यूमर पैनल का फैसला आ गया है, जिसके बाद में मारुति को ग्राहक को कार के पूरे पैसे वापस करने होंगे। 

30 जून 2021 की है घटना-

मलप्पुरम डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन की तरफ से ऑर्डर( District Consumer Commission Order ) जारी कर इस बारे में बताया गया है। मलप्पुरम डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर कमीशन ने मलप्पुरम जिले के निवासी मोहम्मद मुस्लियार की शिकायत पर गौर करते हुए यह आदेश सुनाया है। मंगलवार को एक आधिकारिक बयान में आयोग के हवाले से कहा गया कि शिकायत के मुताबिक, जिस कार में शिकायतकर्ता यात्रा कर रहा था वह 30 जून 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हो गई और व्यक्ति को गंभीर चोटें आईं हैं। 


मैन्युफैक्चरर की बताई गई गलती-

दुर्घटना में उस व्यक्ति की कार गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। उपभोक्ता ने निवारण निकाय से संपर्क किया और आरोप लगाया कि यह मैन्युफैक्चरर की गलती थी कि ‘एयरबैग’ नहीं खुला, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। मोटर व्हीकल इंस्टपेक्टर ने बताया कि दुर्घटना के समय ‘एयरबैग’ ने काम नहीं किया। 


कितना पैसा कंपनी को करना है वापस?

बयान में कहा गया कि आयोग ने वाहन की कीमत 4,35,854 रुपये और मुकदमे की लागत के रूप में 20,000 रुपये वापस करने का आदेश दिया है। आयोग ने कहा कि यदि आदेश का एक महीने के अंदर पालन नहीं किया गया तो इस रकम पर नौ प्रतिशत ब्याज लगेगा।